कुक को मौके गंवाने का मलाल
इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने भारत के खिलाफ चौथे टेस्ट में पारी और 36 रन की शिकस्त के लिए मौकों को भुनाने में असफल रहने और स्पिन गेंदबाजी विकल्पों की कमी को जिम्मेदार ठहराया जिसके साथ मेहमान टीम ने पांच टेस्ट की श्रृंखला भी गंवा दी।
चौथे टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन 32 मिनट में मेजबान टीम के जीत की औपचारिकता पूरी करने के बाद कुक ने कहा, 'यह एक बार फिर मौके गंवाने का खेला रहा। इस विकेट पर 400 रन अच्छा स्कोर था। दो विकेट पर 230 रन के बाद हमारे पास बड़ा स्कोर खड़ा करने का मौका था लेकिन मुझे लगता है कि इन हालात में 400 रन अच्छा स्कोर था और प्रतिस्पर्धी स्कोर से बेहतर था। इसके बाद (जब भारत खेल रहा था) छह विकेट पर 300 रन और सात विकेट पर 360 रन पर हमारे पास मौके थे।'
उन्होंने कहा, 'हमने विकेट हासिल करने के तीन अच्छे मौके गंवाए और ये हमें भारी पड़ा। भारत को श्रेय जाता है। अधिकांश टीम रन बनाते हुए मौके देती हैं और यह दूसरी टीम पर निर्भर करता है कि वह इसे हासिल करने के लिए अच्छी हो। विराट, कोहली, मुरली, विजय और जयंत यादव के कैच टपकाना भारी पड़ा।
विजय ने 136 और जयंत ने 104 रन की पारी खेलते हुए शतक जड़े जबकि कप्तान कोहली (235) ने दोहरा शतक जड़ा। कुक को मलाल है कि उनके मौजूदा स्पिनर उस स्तर के नहीं हैं जिस स्तर के 2012 के स्पिनर थे जब टीम ने 0-1 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए इन्हीं हालात में श्रृंखला जीती थी।
इंग्लैंड के कप्तान ने कहा, 'मो. (मोईन अली) और रैश (आदिल राशिद) का अपमान नहीं करना चाहता लेकिन ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर 2012 में विश्वस्तरीय स्पिनर थे। इन हालात में आपको उनकी जरूरत होती है।'
उन्होंने कहा, 'मो और रैश ने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन वे स्वान और पनेसर के स्तर के नहीं हैं। यही कारण है कि हमें टीम में कुछ अलग संतुलन की जरूरत थी। 2012 में हम चार गेंदबाजों- दो सिपनरों और दो तेज गेंदबाजों के साथ खेल सकते थे लेकिन इस टीम में हमें अधिक विकल्प चाहिए।'
कुक ने भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की तारीफ भी की जिन्होंने चौथे टेस्ट में 167 रन देकर 12 विकेट चटकाए। (भाषा)