नई दिल्ली: एमएस धोनी की बदौलत ड्वेन प्रिटोरियस को विश्वास होने लगा है कि वह क्रिकेट के मैदान पर कुछ भी कर सकते हैं। इस सीज़न में धोनी के साथ समय गुज़ारने के बाद प्रिटोरियस को लक्ष्य का सफल पीछा करने के लिए ज़रूरी शांत स्वभाव और आत्मविश्वास प्राप्त हुआ है।
भारत के ख़िलाफ़ शुरु होने वाली टी20 सीरीज़ के पहले मैच से पहले प्रिटोरियस ने कहा, "मैंने उनसे जो सबसे बड़ी बात सीखी है, वह है कि वह क्रीज़ पर कितने शांत हैं और खुद से दबाव हटाकर गेंदबाज़ पर डालने की कितनी कोशिश करते हैं। उन्होंने मुझे महसूस कराया है कि डेथ ओवर्स के समय बल्लेबाज़ अधिक दबाव में नहीं होता है, जबकि वास्तव में गेंदबाज़ अधिक दबाव में होता है।"
धोनी रोमांचित नहीं आशावादी रहते हैंउन्होंने आगे कहा, "एक गेंदबाज़ के रूप में, आप तब भी मैच हार सकते हैं यदि आपको अंतिम तीन गेंदों पर 18 रन का बचाव करना है और एक बल्लेबाज़ के रूप में आप इसे जीत सकते हैं। यह मेरे लिए एक नई मानसिकता थी। वह ज़्यादा उत्तेजित नहीं होते। वह बहुत आशावादी हैं, उन्हें विश्वास है कि वह कुछ भी कर सकते हैं।"
प्रिटोरियस ने धोनी को मैच फिनिश करते हुए देखाप्रिटोरियस और धोनी के बीच सबसे यादगार साझेदारी 21 अप्रैल को मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ डीवाई पाटिल स्टेडियम में 156 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए हुई। जब प्रिटोरियस जब बल्लेबाज़ी करने आए तब चेन्नई को जीत के लिए 26 गेंदों में 50 रनों की दरकार थी।
बुमराह ने उनका यॉर्कर के साथ स्वागत किया लेकिन अगले दो मौक़ों पर प्रिटोरियस ने चौका जड़ दिया। प्रिटोरियस जब पवेलियन लौटे तब चेन्नई को जीत के लिए पांच गेंदों में 17 रन चाहिए थे और धोनी ने इस मैच को चेन्नई के नाम कर दिया।
इस मुक़ाबले में प्रिटोरियस ने देखा कि धोनी गेम को कैसे अंत तक लेकर जाते हैं। ख़ुद प्रिटोरियस का मानना है कि वह भी ज़रूरत पड़ने पर इस भूमिका को निभा सकते हैं। प्रिटोरियस ने कहा, "मैं इस शांत स्वभाव और आत्मविश्वास को अपने खेल में आत्मसात करना चाहता हूं जिसकी बदौलत खेल को किसी भी स्थिति से जीता जा सकता है।"
हालांकि इस सीज़न में चेन्नई के खेमे में जश्न के अवसर नहीं थे। गत चैंपियन के रूप में टूर्नामेंट में जाने के बाद चेन्नई अंक तालिका में नीचे से दूसरे स्थान पर रही। निराशाजनक परिणाम के बावजूद प्रिटोरियस ने कहा कि उनके खेमे में आत्मविश्वास नहीं डगमगाया है।
प्रिटोरियस ने कहा, "सीएसके फ्रैंचाइज़ी के बारे में अच्छी बात यह है कि यह बहुत अनुभवी है। हम सभी समझते हैं कि क्रिकेट हमेशा आपके हिसाब से नहीं चलता है। यह अगले साल या अगले तीन साल के लिए निर्माण के बारे में है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश भी है कि ख़राब सीज़न का मतलब दीर्घकालिक नुक़सान नहीं होता।" टी20 में स्ट्रैटेजिक टाइम आउट पर प्रिटोरियस ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, "मैंने इसका काफ़ी आनंद उठाया। इससे खेल थोड़ा लंबा ज़रूर खिंच जाता है, लेकिन यह खेल को तीन हिस्सों में बांटता है। एक पहले, एक बीच में और एक बाद में। यह प्रत्येक टीम को आकलन के लिए समय देता है। रणनीति और आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका क्या है।यह खेल को थोड़ा अधिक तरल बनाता है और यह गति को तोड़ देता है।"
मुख्य रूप से प्रिटोरियस जिस वजह से टाइम आउट के प्रति अपना समर्थन ज़ाहिर कर रहे हैं, इसी वजह से उन्हें धोनी के खेल को देखने में भी आनंद आता है। उन्होंने कहा, "भले ही आप पहले कुछ ओवरों के लिए इससे बाहर हो जाएं लेकिन आप टाइम आउट समाप्त होने के बाद हमेशा खेल में वापस आ सकते हैं। यह गेंदबाज़ी या बल्लेबाज़ी टीम की गति को तोड़ देता है जिससे खेल और भी दिलचस्प बन जाता है।"