आईसीसी और बीसीसीआई की बड़ी भूल, दीपक चाहर ने नहीं ली 'हैट्रिक'
नई दिल्ली। टी20 भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज दीपक चाहर का नागपुर में बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे मैच में 'हैट्रिक' लेकर दुनिया के पहले गेंदबाज बनने का कारनाम सुर्खियों में ही था कि इसके 2 दिन बाद उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट में राजस्थान के लिए हैट्रिक लेने का कारनामा चर्चा में आ गया और इसके लिए आईसीसी के साथी बीसीसीआई ने बधाई दे दी, लेकिन क्रिकेट की इन दोनों बड़ी संस्थाओं से बड़ी भूल हो गई क्योंकि उन्होंने 'हैट्रिक' ली ही नहीं।
तीन दिन में 2 बार हैट्रिक लेने के की खबरों के बीच बुधवार को एक बड़ा खुलासा हुआ कि विदर्भ के खिलाफ राजस्थान की तरफ से खेल रहे दीपक चाहर ने 3 ओवर में 18 रन देकर भले ही 4 विकेट लिए हैं लेकिन इसमें हैट्रिक शामिल नहीं है।
चाहर ने दरअसल चौथी गेंद पर विकेट हासिल करने के बाद एक वाइड गेंद फेंक दी। इसके बाद आखिर की 2 गेंदों पर उन्होंने 2 विकेट लिए लेकिन 2 विकेट के बीच फेंकी गई इस वाइड गेंद की वजह से चाहर हैट्रिक लेने से चूक गए। क्रिकेट का नियम यह कहता है अगर गेंदबाज लगातार 3 वैध गेंदों पर 3 विकेट लेता है, तो ही उसे हैट्रिक माना जाएगा लेकिन यहां चाहर ने एक वाइड गेंद फेंक दी थी।
मंगलवार को तिरुअनंतपुरम में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट में राजस्थान और विदर्भ के इस मैच में दीपक चाहर ने चौथी गेंद पर विरोधी टीम विदर्भ के दर्शन नालकंडे को अपना पहला शिकार बनाया। इसके बाद उन्होंने वाइड गेंद फेंकी।
अतिरिक्त गेंद पर उन्होंने श्रीकांत और फिर आखिरी गेंद पर अक्षय वाडकर को अपना शिकार बनाया। इससे पहले इस ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने ऋषभ राठौड़ को आउट किया था। यदि राजस्थान के विकेटकीपर या श्रीकांत को स्टंप आउट करते या श्रीकांत खुद हिट विकेट हो जाते तो चाहर की हैट्रिक मानी जाती।
इससे पहले रविवार को भारत ने नागपुर में तीसरा और निर्णायक टी20 मैच जीतकर 21 से सीरीज पर अपना अधिकार जमाया था। इस मैच में दीपक चाहर ने 7 रन देकर 6 विकेट लिए थे। उनका यह प्रदर्शन विश्व टी20 क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था क्योंकि उनसे पहले श्रीलंका के गेंदबाज अजंता मेंडिस ने 2012 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 8 रन की कीमत पर 6 विकेट हासिल किए थे।