चोट ने बनाया अश्विन को ऑफ स्पिनर
नई दिल्ली। आईसीसी के 'क्रिकेटर ऑफ द ईयर' और टेस्ट क्रिकेटर बने ऑफ स्पिनर रविचन्द्रन अश्विन ने अपनी शुरुआत मध्यम तेज गेंदबाज और बल्लेबाज के रूप में की थी लेकिन कूल्हे की चोट ने उन्हें ऑफ स्पिनर बना दिया है।
शुक्रवार को दुनियाभर के धाकड़ बल्लेबाजों को अपनी फिरकी पर नचाते हुए धड़ाधड़ विकेट हासिल कर रहे अश्विन ने अपना क्रिकेट करियर बतौर मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में शुरू किया था। वे भारत की अंडर-17 टीम में बल्लेबाज के रूप में भी खेले थे।
अश्विन को अंडर-14 मैच के दौरान कूल्हे में चोट लग गई थी। यह चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें इसके बाद 2 महीने तक स्कूल से तथा 1 साल तक मैदान से बाहर रहना पड़ा था। दृढ़ इरादों के अश्विन ने 3 वर्ष बाद अंडर-17 आयु वर्ग में फिर से क्रिकेट में वापसी की और वह भी बतौर बल्लेबाज के रूप में।
कूल्हे की चोट के बाद उन्होंने क्रिकेट में तो वापसी कर ली लेकिन वे फिर से तेज गेंदबाजी नहीं कर सके। उन्होंने ऑफ स्पिनर बनने का निर्णय लिया। उन्हें इसके बाद भी तमिलनाडु की राज्य जूनियर टीम में बतौर बल्लेबाज ही शामिल किया गया लेकिन उन्होंने ऑफ स्पिन पर अपनी कोशिशें जारी रखीं।
अश्विन के कोच ने उन्हें स्कूल में निर्देश दिया था कि वे चयन ट्रॉयल में स्पिन नहीं डालें, क्योंकि कोच को यकीन था कि अश्विन केवल अपनी बल्लेबाजी के दम पर ही राज्य की जूनियर टीम में जगह बना सकते हैं। कोच यह भी चाहते थे कि अश्विन स्कूल के अन्य ऑफ स्पिनरों के मौके नहीं खराब करें। अश्विन ने कहा कि जब मैंने अंडर-17 खेल लिया और मैं स्कूल छोड़ने वाला था तब कोच ने मुझसे कहा कि तुम एक दिन भारत के लिए ऑफ स्पिनर के लिए खेलोगे।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज और नंबर 1 ऑलराउंडर अश्विन को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की ओर से वर्ष 2016 के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर और टेस्ट 'क्रिकेटर ऑफ द ईयर' अवॉर्ड के लिए चुना गया है और वे राहुल द्रविड़ के बाद मात्र दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्हें 1 ही वर्ष में ये दोनों सम्मान प्राप्त हुए हैं।
उनकी पत्नी तथा सहपाठी प्रीति नारायण ने अपनी कुछ पुरानी यादें साझा करते हुए बताया कि अश्विन बचपन से बेहद शरारती थे। उन्होंने कहा कि अश्विन बेहद शरारती छात्र रहे हैं। उनकी शुरुआत से खेलों में रुचि रही है और क्रिकेट के अलावा वे बॉल बैडमिंटन, टेनिस तथा फुटबॉल आदि भी खेलते थे। उस समय भी हम सभी को यह उम्मीद थी कि वे भविष्य में कुछ विशेष करेंगे। अश्विन को क्रिकेट के अलावा फिल्में देखने का भी काफी शौक रहा है।
अश्विन आईसीसी की वर्ष 2016 की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम में जगह पाने वाले अकेले भारतीय भी हैं। अश्विन को आईसीसी टेस्ट टीम 2016 में 8वें स्थान पर रखा गया है। अश्विन वर्ष 2015 में नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज रहे थे जबकि वर्ष 2016 में वे दो बार शीर्ष पर पहुंचे और वर्ष का समापन भी वे टेस्ट के शीर्ष गेंदबाज के रूप में ही करेंगे। (वार्ता)