चेतेश्वर पुजारा ने शतक जड़ कर कर दिया एलान, नहीं खत्म हुआ टेस्ट करियर
अनुभवी भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा Cheteshwar Pujara की शतकीय पारी के दम पर पश्चिम क्षेत्र ने दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल में शुक्रवार को तीसरे दिन के खेल की समाप्ति पर अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली।
पुजारा की 278 गेंद में 133 रन के बूते टीम ने बारिश से प्रभावित दिन का खेल खत्म होने तक नौ विकेट पर 292 रन बनाकर कुल 384 रन की बड़ी बढ़त कायम कर ली।पश्चिम क्षेत्र ने दिन की शुरुआत तीन विकेट पर 149 रन पर की। उस समय पुजारा 50 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने 366 मिनट की पारी में 278 गेंदों का सामना किया है और इस दौरान 14 चौके तथा एक छक्का लगाया।
मध्य क्षेत्र ने दिन के पहले ही ओवर में सरफराज खान को पवेलियन की राह दिखाकर दिन की अच्छी शुरुआत की। सरफराज बीते दिन के अपने छह रन के स्कोर में बिना कोई इजाफा किये खब्बू स्पिनर सौरभ कुमार की गेंद पर विकेटकीपर उपेंद्र यादव को कैच थमा बैठे।
इसके बाद विकेटकीपर हेत पटेल (27) ने पांचवें विकेट के लिए पुजारा के साथ 47 रन की साझेदारी की। पुजारा ने इस दौरान संभल कर बल्लेबाजी करने पर ध्यान दिया और सिर्फ वैसी ही गेंदों पर रन बनाये जो कमजोर थी। उन्होंने दिन के पहले सत्र में 102 गेंद बल्लेबाजी की और तीन चौके की मदद से 42 रन जोड़े।
लंच के बाद दिन के दूसरे सत्र में उन्होंने सौरभ के खिलाफ लगातार दो चौके लगाकर प्रथम श्रेणी में अपना 60वां शतक पूरा किया।तीन अंक के आंकड़े में पहुंचने के बाद पुजारा ने स्वछंद बल्लेबाजी की और सौरभ तथा ऑफ स्पिनर सारांश जैन के खिलाफ कुछ शानदार प्रहार कर भारतीय टीम से बाहर होने की टीस निकाली। सौरभ के खिलाफ कलाई के इस्तेमाल से छक्का लगाकर उन्होंने सबको आश्चर्यचकित कर दिया।
टीम एक छोर से विकेट गंवा रही थी लेकिन पुजारा दूसरे छोर पर डटे रहे। वह दिन के आखिरी ओवर की अंतिम गेंद पर एक रन लेकर स्ट्राइक अपने पास रखने की कोशिश में रन आउट हो गये।मध्य क्षेत्र के लिए सौरभ ने चार और सारांश ने तीन विकेट लिये। तेज गेंदबाज यश ठाकुर को एक सफलता मिली।
राष्ट्रीय चयन पैनल ने अनुभवी चेतेश्वर पुजारा को 12 जुलाई से वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरु हो रही दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए भारतीय टेस्ट टीम से बाहर कर दिया जिससे माना जा रहा है उनका अंतरराष्ट्रीय करियर लगभग खत्म हो गया है। पुजारा की बांग्लादेश के खिलाफ 90 और 102 रन की पारियों को हटा दिया जाये तो पिछले तीन वर्षों में उनका 26 का औसत काफी खराब रहा है और उनके खराब प्रदर्शन काफी लंबे समय तक जारी रहा।विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद चयनकर्ताओं ने उनके नाम के स्थान पर यशस्वी जायसवाल को मौका दिया है।