पुजारा ने कैच नहीं मैच छोड़ा, फैंस ने कहा बल्लेबाजी नहीं तो फील्डिंग ही कर लो
तीसरे टेस्ट में बुरे फॉर्म से जूझ रहे चेतेश्वर पुजारा ने एक आसान सा कैच छोड़कर टीम इंडिया की दक्षिण अफ्रीका में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का ख्वाब लगभग धूमिल कर दिया। भारत ने एक शानदार मौका गंवा दिया, जब पहले स्लिप पर खड़े चेतेश्वर पुजारा ने बुमराह द्वारा फेंकी गई 40वें ओवर की चौथी गेंद पर सेट बल्लेबाज पीटरसन का कैच छोड़ दिया, तब वह 59 रन पर थे।
हालांकि इसके बाद पीटरसन 82 के स्कोर पर आउट हो गए लेकिन तब तक वह मेजबान टीम को जीत के और ज्यादा करीब ले आए थे। पुजारा अगर यह कैच पकड़ लेते तो शायद टीम इंडिया कुछ और संभावनाएं तलाश सकती थी।
पुजारा की इस हरकत के कारण फैंस खासे नाराज हुए। ट्विटर पर कई फैंस ने कहा कि इस बल्लेबाज से ना बल्लेबाजी होती है और ना ही फील्डिंग। कुछ ऐसे ट्वीट्स सोशल मीडिया पर देखे गए।
दिलचस्प बात यह है कि जब चेतेश्वर पुजारा दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरे तब कीगन पीटरसन गुरुवार ने लगभग इस ही समय पर एक हाथ से उनका एक दर्शनीय कैच पकड़ा था। वहीं पुजारा इतना आसाना सा कैच टपका बैठे।
इसके अलावा आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भी पुजारा ने बेहद ही अहम मौके पर रॉस टेलर का कैच छोड़ा था। उस वक्त न्यूजीलैंड जीत से 55 रन दूर थी।इस सीरीज में चेतेश्वर पुजारा बुरी तरह फ्लॉप रहे और सिर्फ 1 अर्धशतक बना पाए।
चौथे दिन के पहले सत्र में जीत के करीब मेजबानमध्य क्रम के बल्लेबाजों कीगन पीटरसन (82) और रैसी वान डेर डुसेन (22) के बीच हुई अर्धशतकीय साझेदारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ तीसरे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट मैच के चौथे दिन शुक्रवार को लंच तक 55 ओवर में तीन विकेट के नुकसान पर 173 रन बना लिए। उसे जीत के लिए अब महज 41 रन चाहिए, जबकि भारत को जीत के लिए सात विकेट की जरूरत है।
दक्षिण अफ्रीका ने आज कल के स्कोर दो विकेट पर 101 रन से आगे खेलना शुरू किया और आज का पहला सत्र पूरी तरह उसके नाम रहा। मेजबान दक्षिण अफ्रीकी टीम ने आज लंच तक 25.2 ओवर खेले और 2.77 के रन रेट के साथ 70 रन बनाए। पीटरसन ने कल की लय को बरकरार रखते हुए आज भी आउट होने से पहले तक शानदार बल्लेबाजी की।
भारतीय गेंदबाजों की कड़ी मशक्कत के बावजूद वह लंच तक आउट होने वाले दक्षिण अफ्रीका के एकमात्र बल्लेबाज रहे। उन्होंने अपने और टीम के खाते में 34 रन और जोड़े और साथी बल्लेबाज वान डर डुसेन के साथ तीसरे विकेट के लिए 54 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की, हालांकि वह 10 चौकों की मदद से 113 गेंदों पर 82 रन बना कर आउट हो गए और अपने पहले टेस्ट शतक से चूक गए। शार्दुल ठाकुर ने उनका विकेट चटकाया।
155 के स्कोर पर पीटरसन के रूप में तीसरा विकेट गिरने के बाद वान डर डुसेन ने तेम्बा बावुमा के साथ पारी को आगे बढ़ाया। भारतीय गेंदबाजों की तरफ से पुरजोर कोशिश के बावजूद दोनों बल्लेबाजाें ने धैर्य दिखाया और लंच तक और विकेट नहीं खोया। वान डर डुसेन ने दो चौकों की मदद से 72 गेंदों पर 22, जबकि बावुमा ने दो चौकों के सहारे 28 गेंदों पर 12 रन बनाए।