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Last Updated : रविवार, 28 जून 2020 (14:45 IST)

गेंदबाज शिखा पांडे ने कहा- महिला क्रिकेट अलग खेल, अनावश्यक बदलाव ना करें...

गेंदबाज शिखा पांडे ने कहा- महिला क्रिकेट अलग खेल, अनावश्यक बदलाव ना करें... - Bowler Shikha Pandey said- women's cricket is a separate game, don't make unnecessary changes
नई दिल्ली। भारत की सीनियर तेज गेंदबाज शिखा पांडे महिला क्रिकेट को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए छोटी गेंद और छोटी पिच जैसे सुझावों को अनावश्यक मानती हैं और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से अपील की कि अधिक दर्शकों को आकर्षित करने के लिए नियमों से छेड़छाड़ नहीं करें।

झूलन गोस्वामी के बाद नई गेंद की भारत की सबसे अच्छी गेंदबाजों में से एक शिखा ने न्यूजीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन और भारत की उभरती हुई खिलाड़ी जेमिमा रोड्रिग्ज की मौजूदगी वाले आईसीसी के हाल के वेबिनार के संदर्भ में कई ट्वीट किए। इसी वेबिनार के दौरान कई तरह के सुझाव सामने आए थे।

भारतीय वायुसेना की अधिकारी 31 साल की शिखा ने लिखा, महिला क्रिकेट की प्रगति/इसे अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए विभिन्न कई तरह के सुझावों के बारे में पढ़/सुन रही हूं। मेरा निजी तौर पर मानना है कि अधिकांश सुझाव अनावश्यक हैं।

भारत की ओर से 104 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 113 विकेट चटकाने वाली शिखा ने हल्की गेंद और 20 गज की पिच की तुलना 100 मीटर फर्राटा दौड़ से करके चीजों को समझाया। उन्होंने लिखा, ओलंपिक 100 मीटर फर्राटा महिला धाविका पहले स्थान का पदक हासिल करने और पुरुष समकक्षों के बराबर समय निकालने के लिए 80 मीटर नहीं दौड़तीं।

शिखा ने लिखा, इसलिए किसी भी कारण से पिच की लंबाई कम करना संदेहास्पद लगता है। साथ ही इससे एक साथ दो मुकाबलों का आयोजन भी नहीं हो पाएगा। शिखा बाउंड्री छोटी करने के पक्ष में भी नहीं हैं। उन्होंने कहा, कृपया करके सीमा रेखा छोटी मत कीजिए। हाल के समय में अपनी पावर हिटिंग से हमने आपको हैरान किया है, यह सिर्फ शुरुआत है, हम बेहतर होंगे। धैर्य रखिए। हम सभी कुशल खिलाड़ी हैं जो सुधार कर रही हैं।

इस भारतीय खिलाड़ी को यह आपत्तिजनक लगता है कि प्रगति हासिल करने के लिए मजबूत मार्केटिंग की जगह नियमों में बदलाव का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा, खेल की अच्छी तरह से मार्केटिंग करके प्रगति की जा सकती है। दर्शकों को आकर्षिक करने के लिए नियमों में बदलाव की जरूरत नहीं है।

शिखा ने कहा, डीआरएस, स्निको, हॉटस्पॉट, अन्य तकनीकी चीजों का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाए और दुनियाभर में कहीं पर भी खेले जाने वाले मैच का सीधा प्रसारण क्यों नहीं हो। शिखा ने साथ ही कहा कि महिला और पुरुष क्रिकेट की तुलना नहीं की जानी चाहिए क्योंकि दोनों अलग हैं।
उन्होंने कहा, कृपया करके महिला खेल की तुलना पुरुष खेल से मत कीजिए। शिखा ने मेलबर्न क्रिकेट क्लब में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला विश्व टी20 फाइनल के संदर्भ में कहा, हमें इसे बिलकुल अलग खेल की तरह देखने की जरूरत है। एक ऐसा खेल जिसे देखने के लिए आठ मार्च 2020 को 86174 लोग मौजूद थे और करोड़ों ने टीवी पर इसका सीधा प्रसारण देखा।(भाषा)
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