लोढ़ा पैनल क्रिकेट प्रशासन में विशेषज्ञ नहीं : ठाकुर
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के ने सर्वोच्च अदालत में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि लोढ़ा समिति के पास देश में क्रिकेट प्रशासन से जुड़ी विशेषज्ञता नहीं है और यदि बोर्ड अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया तो इसका खेल पर बुरा प्रभाव होगा।
ठाकुर और शिर्के ने साथ ही यह भी कहा कि यदि बीसीसीआई के अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया तो देश में क्रिकेट व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी जिसका खेल पर भी बुरा असर होगा। दोनों बोर्ड अधिकारियों ने अदालत में इस सप्ताह अपने अपने हलफनामों को दायर किया है। उन्होंने साथ ही कहा कि समिति ही अदालत के निर्देशों के बावजूद उनसे मिलने के लिए तैयार नहीं है जबकि इसके लिए 21 अक्टूबर को निर्देश दिया गया था।
बीसीसीआई अध्यक्ष ने अपने हलफनामे में कहा कि लोढ़ा समिति ने सर्वोच्च अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया है और उसकी वजह से बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट पर बुरा असर हुआ है। मौजूदा स्थिति रिपोर्ट से भी साफ है कि समिति बोर्ड से बात नहीं करना चाहती है। इस रिपोर्ट से यह भी साफ है कि पैनल के बाद क्रिकेट प्रशासन की विशेषज्ञता नहीं है।
ठाकुर ने साथ ही कहा कि न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति बीसीसीआई को उचित निर्देश नहीं दे रही है जिससे भारतीय क्रिकेट की छवि को नुकसान पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि 18 नवंबर को समिति ने अपनी तीसरी स्थिति रिपोर्ट पेश की थी जिसमें उसने कई अनुपयुक्त अधिकारियों के पदाधिकारी होने की बात कही थी।
बोर्ड अध्यक्ष के साथ सचिव शिर्के ने समिति के पदाधिकारियों के लिए तय किए गए मानदंडों का भी पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि समिति ने जो मानदंड दिए हैं वे मूल लोढ़ा रिपोर्ट का हिस्सा नहीं थे जिसे जनवरी में जारी किया गया था। ठाकुर और शिर्के ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को नियमों से ही चुना गया है। (वार्ता)