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Last Updated : शुक्रवार, 3 मार्च 2023 (12:16 IST)

इंदौर की जीत से ऑस्ट्रेलिया को मिला लंदन का टिकट, WTC Final में क्वालिफाय करने वाली बनी पहली टीम

इंदौर की जीत से ऑस्ट्रेलिया को मिला लंदन का टिकट, WTC Final में क्वालिफाय करने वाली बनी पहली टीम - Australia becomes the first team to qualify for WTC after emphatic victory in Indore
इंदौर:ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला के तीसरे टेस्ट मैच में शुक्रवार को यहां तीन दिन के अंदर भारत को नौ विकेट से करारी शिकस्त देकर चार मैचों की श्रृंखला में वापसी की और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भी अपनी जगह पक्की कर ली।ऑस्ट्रेलिया ने जीत के लिए मिले 76 रने के लक्ष्य को एक विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। इस जीत के बाद भी ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला में 1-2 से पीछे है।
 
ट्रेविस हेड (नाबाद 49) और मार्नस लाबुशेन (नाबाद 28) ने पारी की शुरुआती ओवरों में मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने के बाद 18.5 ओवरों में ऑस्ट्रेलिया को जीत दिला दी। भारत में जीत मेहमान टीमों के लिए दुर्लभ होती है और ऑस्ट्रेलिया के लिए भी यह अलग नहीं था, जिसने छह साल में भारतीय धरती पर अपनी पहली जीत दर्ज की।
 
भारत के लिए पिछले 10 वर्षों में यह केवल तीसरी हार है। टीम को नौ मार्च से अहमदाबाद में शुरू होने वाले अंतिम टेस्ट से पहले अपनी योजनाओं पर फिर से काम करने की आवश्यकता होगी।
 
श्रृंखला में इस्तेमाल हुई पिचों की भी तीखी आलोचना हुई है और यह देखाना दिलचस्प होगा कि क्या भारत स्पिन के अनुकूल पिचों की प्राथमिकता को जारी रखेगा क्योंकि घरेलू टीम के बल्लेबाज भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने के लिए बुरी तरह संघर्ष करते दिखे हैं।
भारत अपनी दो पारियों में केवल 109 और 163 रन ही बना सका।ऑस्ट्रेलिया टीम जिस तरह से  नागपुर और दिल्ली की दूसरी पारी लड़खडायी थी उससे लग रहा था कि शुक्रवार को पहले सत्र में कुछ भी हो सकता है।
 
जीत के लिए 76 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को रविचंद्रन अश्विन ने दिन की दूसरी गेंद पर  उस्मान ख्वाजा को कैच आउट कराकर चमत्कार की उम्मीद जगाई। अश्विन की यह गेंद तेजी से टर्न लेते हुए ख्वाजा के बल्ले का किनारा लेते हुई विकेट कीपर कोना भरत के दस्तानों में चली गयी।
 
स्कोर बोर्ड पर बिना किसी रन के पहला विकेट गंवाने के बाद टीम दबाव में थी लेकिन लाबुशेन ने रविंद्र जडेजा की गेंद पर चौका लगाकर दबाव कम किया।हेड और लाबुशेन को आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है लेकिन दोनों ने बिना कोई जोखिम लिए शुरुआती 10 ओवर में सिर्फ 13 रन बनाये।
पारी के 10वें ओवर में गेंद बदलने के बाद मैच का रूख ऑस्ट्रेलिया की ओर मुड़ गया। अश्विन इस गेंद से संतुष्ट नहीं थे और हेड ने उनके ओवर में चौका और छक्का जड़कर अपने इरादे जता दिये।हेड और लाबुशेन ने इसके बाद जडेजा के खिलाफ चौके लगाये और फिर मैच पर ऑस्ट्रेलिया की पकड़ बन गयी। लाबुशेन ने चौका लगाकर ऑस्ट्रेलिया को यादगार जीत दिलायी। (भाषा)
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