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Last Updated : मंगलवार, 28 अप्रैल 2020 (14:47 IST)

तेंदुलकर को आउट नहीं कर पाने की निराशा से अब भी नहीं उबर पाए हैं अजमल

तेंदुलकर को आउट नहीं कर पाने की निराशा से अब भी नहीं उबर पाए हैं अजमल - Ajmal has still not recovered from the disappointment of not getting Tendulkar out
कराची। पाकिस्तान के पूर्व ऑफ स्पिनर सईद अजमल विश्व कप 2011 में भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में सचिन तेंदुलकर का विकेट नहीं मिल पाने की निराशा से अब तक नहीं उबर पाए हैं क्योंकि उन्हें आज भी लगता है कि उन्होंने भारतीय स्टार को आउट कर दिया था। इंग्लैंड के अंपायर इयान गोल्ड ने भी हाल में कहा था कि तेंदुलकर तब आउट थे लेकिन तीसरे अंपायर ने उनका फैसला पलट दिया था। 
 
तेंदुलकर ने मोहाली में खेले गए सेमीफाइनल में 85 रन बनाए थे जिससे भारत यह मैच जीतने में सफल रहा था। तेंदुलकर जब 23 रन पर खेल रहे थे तब गाउल्ड ने अजमल की गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट दे दिया था लेकिन तीसरे अंपायर बिली बोडेन ने ‘रिव्यू’ के बाद इसे पलट दिया था।
 
आईसीसी एलीट पैनल के सदस्य रहे गाउल्ड ने हाल में कहा था कि वह तेंदुलकर को आउट देने के अपने फैसले पर कायम हैं। अजमल ने उस घटना को याद करते हुए कहा, ‘यह सीधी गेंद थी और विकेटों के आगे उनके पैड से टकराई थी। मुझे पूरा विश्वास था कि वह आउट है। 
 
शाहिद अफरीदी, कामरान अकमल, वहाब रियाज और अन्य खिलाड़ियों ने मुझसे पूछा था कि क्या वह (तेंदुलकर) आउट है और मैंने कहा कि हां उसकी पारी समाप्त हो गई है।’ उन्होंने कहा कि जब तीसरे अंपायर ने फैसला बदला तो उनका दिल टूट गया था। अजमल ने कहा, ‘मुझे टेस्ट मैचों में कभी उन्हें गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला इसलिए मुझे जब भी सीमित ओवरों की क्रिकेट में उनके खिलाफ खेलने का मौका मिलता था तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता था।’ 
 
उन्होंने एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘सबसे अधिक निराशा यह रही कि हम सेमीफाइनल में हार गए और निश्चित तौर पर तेंदुलकर के 85 रन ने अंतर पैदा किया था।’ अजमल ने कहा, ‘यहां तक कि आज भी तीसरे अंपायर का फैसला मुझे हैरान कर देता है। लेकिन उस दिन भाग्य उनके साथ था और उन्होंने अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण पारी खेली।’ 
 
पाकिस्तान की तरफ से 35 टेस्ट, 113 वनडे और 64 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले अजमल ने कहा कि तीसरे अंपायर के फैसला पलटने से गाउल्ड भी निराश थे।
इस ऑफ स्पिनर का करियर हालांकि बांग्लादेश दौरे के बाद बीच में ही समाप्त हो गया। उनके गेंदबाजी एक्शन की 2014 में रिपोर्ट की गई थी। वह इसमें सुधार नहीं कर पाए और 2017 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। (भाषा)
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