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Last Updated : शुक्रवार, 16 जनवरी 2015 (17:13 IST)

वर्ल्ड कप में भारत की यह सबसे बड़ी उपलब्धि

वर्ल्ड कप में भारत की यह सबसे बड़ी उपलब्धि - 1983  world cup biggest achievement of Indian team,
वेबदुनिया डेस्क
 
वर्ल्ड कप क्रिकेट 2015 शुरू होने में अब 30 दिन शेष हैं। आइए याद करते हैं वर्ल्ड कप में भारत की इस महान उपलब्धि को। 1983 की विश्वकप विजय के बारे में हर क्रिकेट प्रेमी जानता है। 25 जून 1983 का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में अजर-अमर है।

कमज़ोर मानी जाने वाली भारतीय टीम ने कपिल देव की कप्तानी में आज ही के दिन वेस्टइंडीज़ जैसी मज़बूत टीम को पटखनी दी थी। यह भारत की क्रिकेट में पहली सबसे बड़ी सफलता थी। आज भारत की पहली विश्व कप जीत 29 साल की हो गई। इस मौके पर याद करते हैं लॉर्ड्‍स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत वेस्टइंडीज़ के बीच खेल गए विश्व कप फाइनल मैच को। 
 
क्रिकेट प्रेमी तो दूर, कोई भारतीय खिलाड़ी भी उस समय विश्व कप जीतने के बारे में सोच नहीं रहा था। भारत के सलामी बल्लेबाज श्रीकांत की तब नई-नई शादी हुई थी। उन्होंने अपनी पत्नी से मजाक करते हुए कहा था कि हम इंग्लैंड विश्व कप जीतने नहीं बल्कि हनीमून मनाने जा रहे हैं। तब कौन जानता था कि कपिल के जांबाज खिलाड़ी इतिहास रचने जा रहे हैं।
 
फाइनल में वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने टॉस जीतकर पहले भारत को बल्लेबाजी के लिए कहा। भारतीय टीम 54.4 ओवरों में केवल 183 रन जोड़कर आउट हो गई। सबसे अधिक 38 रन श्रीकांत ने बनाए थे। यहां तक मैच में वही हो रहा था, ‍जो सोचा जा रहा था। भारतीय टीम वेस्टइंडीज की काली आंधी (गेंदबाज़ी आक्रमण) के सामने कम स्कोर बना पाई थी। सभी सोच रहे थे कि मैच जल्द खत्म हो जाएगा, लेकिन कपिल के जांबाज कुछ और इरादे लेकर ही मैदान में उतरे थे। 
 
वेस्टइंडीज़ के सलामी बल्लेबाज गार्डन ग्रिनीज़ को बलविंदर संधू ने 1 रन के निजी स्कोर पर बोल्ड कर दिया। इस समय वेस्टइंडीज का स्कोर 5 रन था। हालांकि इसके बाद डेसमंड हैंस और विवयन रिचर्ड्‍स ने वेस्टइंडीज़ की पारी को दिशा दी। ‍जब ये दोनों बल्लेबाज दूसरे विकेट के लिए 45 रन जोड़ चुके थे, तब फिर लगने लगा कि इंडीज की लगातार तीसरी बार विश्व कप जीतने की तमन्ना पूरी हो रही है। 
 
लेकिन इसी स्कोर पर मदन लाल ने हैंस को रोजर बिन्नी के हाथों कैच करवा दिया और इंडीज का स्कोर 50/2 हो गया। अभी स्कोर कार्ड में 7 रन ही जुड़े थे कि भारत की जीत में सबसे बड़ा रोड़ा विवियन रिचर्ड्‍स को मदन लाल ने अपने कप्तान के हाथों कैच करवाया और भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को आन्दोलित कर दिया।

रिचर्ड्‍स ने 33 रन बनाए और इंडीज की इस पारी में यह सबसे बड़ा स्कोर रहा। ‍भारतीय कप्तान ने बहु‍त दूर तक दौड़ लगाकर रिचर्ड्‍स का मुश्किल कैच लपका था। कपिल ने यह कैच नहीं बल्कि विश्व कप लपका था। रिचर्ड्‍स के आउट होते ही भारतीय खिलाड़ियों में नई जान आ गई और टीम इंडिया इंडीज पर पूरी तरह हावी हो गई।
 
76-6 के स्कोर के बावजूद जेफ डुज़ोन और मेल्कम मार्शल की जोड़ी जम गई और इंडीज मैच में वापसी करता दिखाई दिया। दोनों बल्लेबाज़ स्कोर को 119 तक ले गए। तभी स्लिप में खड़े सुनील गावस्कर ने भारतीय कप्तान से मोहिंदर अमरनाथ को गेंदबाज़ी करवाने को कहा।

कप्तान ने सीनियर खिलाड़ी की सलाह मानी और अमरनाथ ने डुज़ोन (25) और मार्शल (18) को पैवेलियन लौटाकर भारत की विश्व कप खिताबी जीत पर मुहर लगा दी।
 
वेस्टइंडीज की पूरी टीम 52 ओवरों में 140 रन पर आउट हो गई और भारत ने यह मैच 43 रनों के अंतर से जीत लिया। मोहिन्दर अमरनाथ को उनके हरफनमौला प्रदर्शन (26 रन और 3 विकेट) के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।