Last Modified: जोहानसबर्ग ,
बुधवार, 11 अगस्त 2010 (19:33 IST)
मुरली तीन साल और खेलेंगे टी-20
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टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट के हिमालयी रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले श्रीलंकाई ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने कहा है कि उनमें इस खेल के टी-20 फार्मेट के लिए बहुत भूख बाकी है और वे कम से कम तीन साल तक इस फार्मेट में खेलना चाहते हैं।
800 विकेट का पहाड़ खड़ाकर टेस्ट क्रिकेट को गत माह अलविदा कहने वाले मुरलीधरन यहां 10 सितम्बर से होने वाले चैंपियंस लीग टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के विजेता चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलेंगे।
मुरलीधरन ने आगामी एकदिवसीय विश्व कप के लिए अपनी उपलब्धता दोहराते हुए कहा कि मैंने पहले कहा है कि अगर श्रीलंकाई चयनकर्ता मुझे विश्व कप के लिए बुलाएँगे तो मैं उस टूर्नामेंट में खेलूँगा अन्यथा अगले तीन साल तक टी-20 और कुछ काउंटी क्रिकेट खेलने का मेरा इरादा है।
लीग के लांच के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में दुनिया के इस सबसे सफल गेंदंबाज ने कहा कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा फिटनेस की समस्या से नहीं की बल्कि वह अपने सर्वश्रेष्ठ फार्म में रहते हुए ही खेल को अलविदा कहना चाहते थे।
मुरली ने कहा कि मुझे लगता है कि मैं दो-तीन साल और टेस्ट खेल सकता था लेकिन मैंने सोचा कि कामयाबी की ऊँचाइयों पर रहते हुए ही संन्यास लेना चाहिए। मैं चाहता था कि लोग पूछें कि मैंने खेलना छोड़ क्यों दिया, यह नहीं कि मैं क्यों बढ़ती उम्र के बाद भी खेल रहा हूँ। इसी कारण मैंने टेस्ट को अलविदा कहना उचित समझा।
अपनी फिरकी पर दुनिया भर के बल्लेबाजों को नचाने वाले मुरली ने कहा कि स्पिन गेंदबाजी क्रिकेट की बेहद कठिन विधा है लेकिन खेल में यह बेहद जरूरी है। उन्होंने टी-20 में स्पिनरों के प्रभावी नहीं रहने के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि आईपीएल के गत दो संस्करणों में स्पिनर ही सबसे ज्यादा कामयाब रहे हैं।
भारत के खिलाफ गत श्रृंखला के पहले टेस्ट में 800 टेस्ट विकेट का अविश्वसनीय रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले मुरली ने कहा कि संन्यास की घोषणा के बाद कई बार उनमें भी यह डर समा गया था कि कहीं उनका करिअर 799 के आँकड़े पर अटक न जाए।
उन्होंने कहा कि मुझे अपने अंतिम टेस्ट में आठ विकेट चाहिए थे। हमेशा कि तरह मुझे खुद पर भरोसा भी था लेकिन बल्लेबाज जब मेरी गेंदों के आगे डट जाते थे तो मैं कुंठित हो उठता था और मुझे लगता था कि अब मैं 799 से आगे नहीं जा सकूँगा। (वार्ता)