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Written By WD

बीसीसीआई पर आयकर विभाग की नकेल

बोर्ड चैरिटी संगठन नहीं, 100 करोड़ से ज्यादा का टैक्स भरें

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड
FILE
खुद को चैरिटी संगठन बताकर कर से बचते आ रहे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को अब 100 करोड़ रुपए से ज्यादा चुकाना पड़ सकता है क्योंकि आयकर विभाग अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को छिपाने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर जुर्माना ठोकने जा रहा है।

आयकर विभाग ने एक आदेश में बीसीसीआई को व्यावसायिक संगठन करार दिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सूत्रों ने पुष्टि की कि विभाग की कर छूट इकाई ने मुंबई में आदेश पारित किया है।

सूत्रों ने बताया कि बीसीसीआई ने कर विभाग को अपनी कई गतिविधियों मसलन कोचिंग केंद्र बनाना, टी20 टूर्नामेंट कराना और देश के भीतर बाहर कई व्यावसायिक गतिविधियों की इत्तिला नहीं दी थी।

सूत्रों ने बताया कि बीसीसीआई को चैरिटी संस्थान के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता देखकर यह आदेश पारित किया गया है। इस फैसले पर बीसीसीआई का जवाब अभी अपेक्षित है।

खबरिया चैनल एनडीटीवी ने इस मामले पर विस्तार से समाचार दिया है। चैनल के अनुसार बोर्ड को 120 करोड़ से ज्यादा की राशि का टैक्स भरना होगा। यह भी संभव है कि टैक्स न भरने के कारण उस पर जुर्माना भी लगे।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सिर्फ टीवी राइट्‍स के जरिये ही 2200 करोड़ की आय की है। यही नहीं, उसने लोगो राइट्‍स के माध्यम से 400 करोड़ की कमाई की है। 2008-2009 में बीसीसीआई ने 2 लाख 35 हजार रुपए का आयकर भरा है, जबकि सचिन तेंडुलकर ने आयकर विभाग को 8.1 करोड़, महेन्द्र सिंह धोनी ने 4.7 करोड़ और राहुल द्रविड़ ने 2.4 करोड़ रुपए का इनकम टैक्स चुकाया है।

बीसीसीआई अपनी कमाई में टीवी राइट्‍स, लोगों आदि को व्यावसायिक नहीं चैरिटेबल मानता है। इसीलिए उसने इसके जरिये होने वाली कमाई को अपनी आय में शामिल नहीं किया है। हालाँकि आयकर विभाग का कहना ‍है कि बोर्ड किसी तरह की चैरिटी की छूट से बच नहीं सकता।

बोर्ड की मंशा यह है कि वह टैक्स में कुछ छूट प्राप्त करे। उधर आयकर विभाग का कहना है कि जब भारत के स्टार खिलाड़ी करोड़ों का आयकर भर रहे हैं, ऐसे में बोर्ड द्वारा कुछ लाखों का टैक्स चुकाना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है। (भाषा/वेबदुनिया न्यूज)