फिका ने दी बायकॉट की चेतावनी
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स संघ (फिका) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को चेतावनी दी है कि अगर उसने कुप्रबंध पर लगाम नहीं लगाई तो वह अगले साल पाकिस्तान में होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी का बहिष्कार करेगा।समाचार पत्र 'द टाइम्स' में आज प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार फिका के निदेशकों की इसी हफ्ते दुबई में आई सी सी के अधिकारियों के साथ बातचीत होने वाली है। फिका चाहता है कि आई सी सी में राजनीति का वर्चस्व घटे और उसके संचालन के ढांचे का पुनर्गठन हो।फिका के एक निदेशक रिचर्ड बेवन ने कहा कि हम सितंबर में होने वाले 20-20 विश्व कप के इंतजाम से कमोबेश संतुष्ट हैं, लेकिन चैम्पियंस ट्राफी की शर्तों को लेकर खिलाडी खुश नहीं हैं। अगर इस स्थिति में बदलाव आता दिखाई नहीं दिया तो खिलाडी इसका बहिष्कार करेंगे।आईसीसी के अधिकारियों से बातचीत के लिए ऑस्ट्रेलिया के बेवन, दक्षिण अफ्रीका के टोनी आइरिश और फिका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम मेय दुबई रवाना हो रहे हैं।बेवन ने कहा कि हम आईसीसी की फैसले करने की प्रक्रिया में सुधार चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि परिषद के दिवंगत प्रमुख पर्सी सोन के उत्तराधिकारी का चयन टेस्ट खेलने वाले 10 देश राजनीतिक आधार पर मतदान के जरिए करें। उन्होंने कहा आईसीसी के क्रिकेट से जुडे और वाणिज्यिक फैसलों में विरोधाभास साफ दिखाई देता है। हमारी राय में आईसीसी को एक ज्यादा स्वतंत्र प्रशासन की जरूरत है। खिलाड़ियों के असंतोष की एक वजह आई सी सी का व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम भी है। क्रिकेटर मानते हैं कि खिलाड़ियों की थकान और चोटों का एक प्रमुख कारण यह कार्यक्रम ही है।फिका ने इसी माह एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार 56 प्रतिशत खिलाड़ियों को क्रिकेट का संचालन करने की आइसीसी की क्षमता पर ऐतबार नहीं है, लेकिन आईसीसी ने इस सर्वे को खारिज करते हुए कहा कि फिका सिर्फ पाँच पूर्ण सदस्य देशों के खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करता है। किसी भी संबद्ध देश में उसका प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण उसके सर्वे को विश्र्वसनीय नहीं माना जा सकता।इसके जवाब में बेवन ने कहा कि बाकी देशों में खिलाड़ियों के संगठनों को बोर्ड से मान्यता नहीं मिली है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं निकाला जा सकता कि बाकी देशों के खिलाड़ी हमारे साथ नहीं हैं।