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Written By सीमान्त सुवीर

चौथे वनडे मैच का आँखों देखा हाल

नेटवेस्ट सिरीज में आज काँटे की टक्कर

भारत और इंग्लैंड चौथा एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच
मैनचेस्टओल्ट्रेफर्इंग्लैंौथे दिवसीमैो 3 विकेजीलियहैजीलिउसे 213 रनोलक्ष्मिला, जिसउसने 7 विकेखोकप्राप्त ‍लियाजीनायबनबोपारस्टुअर्ब्रॉड

इंग्लैड सातवाँ विकेट 114 रनों पर खो चुका था, लेकिन बोपारा (नाबाद 43) और 'मैन ऑफ द मैच' स्टुअर्ट ब्रॉड (नाबाद 45) ने हौसला नहीं खोया और आठवें विकेट की भागीदारी में रिकॉर्ड (अपने देश के लिए) बनाते हुए 24.1 ओवर में 99 रनों की साझेदारी निभाकर अपने देश को सात मैचों की सिरीज में 3-1 से अग्रता दिला दी। वैसे आठवें विकेट की भागीदारी का विश्व रिकॉर्ड 138 रन का है, जबकि इंग्लैंड का 76 रनों का था।

भारत को यदि वनडे सिरीज जीतना है तो उसे शेष बचे तीनों मैचों में विजय हासिल करना होगी। पाँचवाँ मैच 2 सितम्बर को लीड्‍स में खेला जाएगा और हमारी मुलाकात भी वहीं पर होगी।

इसमें कोई शक नहीं कि आज बोपारा और ब्रॉड ने भारतीय गेंदबाजी को दफन कर दिया। इतिहास हमेशा विजेताओं द्वारा लिखा जाता है और ऐसा ही नजारा कुछ यहाँ देखने को मिला। वैसे दर्शकों ने इस लो-स्कोरिंग के मैच में भी काफी लुत्फ उठाया।

1983 का इतिहास नहीं दोहराया गया : इस मैच के हालात को देखते हुए 1983 के विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट की यादें ताजा हो गईं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उस विश्व कप में इंग्लैंड ने इसी मैदान पर सेमीफाइनल मैच खेलते हुए पहले बल्लेबाजी करते हुए 212 रन बनाए थे। तब भारत को जीत के लिए 213 रन रनों की दरकार थी।

भारत इस सेमीफाइनल को जीतने में सफल रहा था। आज इसी मैदान पर भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए 213 रनों का लक्ष्य दिया, जिसे उसने करिश्माई प्रदर्शन करते हुए मैच को 2 ओवर शेष रहते जीत लिया।

मैा 37वाँ ओवर जहीर खान ने बहुत खुन्नस में डाला। इस ओवर में ब्रॉड ने पहली गेंद पर तेज दौड़ लगाकर 4 रन लिए। इसी ओवर में ब्रॉड ने एक चौका भी जमाया।

जैसे-जैसे समय गुजरता गया, वैसे-वैसे जीत का निवाला भारत के मुँह से इंग्लैंड छीनता चला जा रहा था। इंग्लैंड ने 114 रनों पर सातवाँ विकेट खोया था, लेकिन उसके बाद बोपारा-ब्रॉड ने काफी बहादुरी से मैदान संभाला। इंग्लैड द्वारा बोपारा के रूप में एक विशेषज्ञ बल्लेबाज रखना फायदे का सौदा साबित हुआ।

भारत को एक बड़ी सफलता कप्तान कॉलिंगवुड के विकेट के रूप में मिली थी। बोपारा स्ट्रोक खेलकर आगे बढ़े। दूसरे छोर से कॉलिंगवुड भी क्रीज छोड़ ुके थे। दोनों के बीच गफलत की स्थिति पैदा हुई, लेकिन जब कॉलिंगवुड क्रीज से 1 फीट दूर थे, तभी धोनी ने बेल्स गिरा दी। तीसरे अंपायर ने उन्हें आउट दिया।

रमेश पोवार ने औवेंस शाह का विकेट प्राप्त किया। शाह (8) स्पिन को समझ नहीं पाए और फारवर्ड शार्ट लेग पर दिनेश कार्तिक ने कैच झपटने में कोई गलती नहीं की।

वैसे अजीत आगरकर आज अपनी गेंदबाजी के शबाब पर चल रहे थे। पीटरसन को आउट लेने के बाद उन्होंने फ्लिंटॉफ (5) को पाइंट पर युवराज के हाथों झिलवाया। यह उनका चौथा विकेट था। आगरकर ने 10 ओवर में 60 रन खर्च किए।

दूधिया रोशनी में नहाए ओल्ड ट्रेफर्ड स्टेडियम पर 95 पर पाँच अंग्रेज बल्लेबाज पैवेलियन की शोभा बढ़ा रहे थे। मैदान पर सर्द हवाएँ चलने लगीं। यही कारण है कि बल्लेबाज और क्षेत्ररक्षण सभी इनर पहनकर सर्दी से खुद को बचा रहे थे।

आगरकर ने पीटरसन को 18 रनों पर आउट कर दिया था। पीटरसन हुक करना चाहते थे, लेकिन गेंद बल्ले के ऊपरी हिस्से में लगी और पीयूष चावला ने कैच लपक लिया।

अजीत आगरकर के छठे ओवर में पाँचवीं गेंद 'मैजिक डिलेवरी' रही। गेंद हवा में ही सीम हुई और कुक ने यह सोचकर गेंद छोड़ दी कि वह ऑफ स्टंप के बाहर है, लेकिन गेंद ऑफ स्टंप की बेल्स ले उड़ी। कुक ने 20 गेंदों पर तेजी से 24 रन बनाए। इंग्लैड का तीसरा विकेट 35 रनों पर गिरा।

इंग्लैंड को दूसरा सदमा प्रायर के रूप में झेलना पड़ा। आगरकर के चौथे ओवर की पहली गेंद पर प्रायर (4) ने हवाई शॉट खेला और रमेश पोवार ने कैच लपकने में कोई चूक नहीं की।

जहीर खान ने पहले ही ओवर में कुक को पाँचवीं गेंद पर बोल्ड करके इंग्लैंड को करारा झटका दिया। जहीर ने पहले दो गेंदें बाहर निकालीं और फिर दो गेंद अंदर। पाँचवीं गेंद बैट पैड के भीतर से होती हुई मिडिल स्टंप धराशायी कर गई।

भारत-इंग्लैड मैच के ऑन लाइन स्कोर कार्ड के लिए क्लिक करें

इससे पूर्व भारतीय पारी 49.4 ओवरों में 212 रनों पर धराशायी हुई। युवराज 71, सचिन 55 और जहीर 20 रन रहे टॉप स्कोरर।
एक समय भारत 32 पर तीन विकेट खोकर बुरी तरह लड़खड़ा रहा था लेकिन बाद में पहले सचिन और फिर युवराजने उसे सहारा दिया। एजबेस्टन के ओल्ड ट्रेफर्ड पर खेले जा रहे चौ‍थे वनडे का ताजा सूरतेहाल यह है कि मेजबान टीम को 4.26 रन प्रति ओवर की दर से जीत के लिए 213 रनों की आवश्यकता है।

जहीर खान अंतिम ओवर की दूसरी गेंद पर आउट हुए। एंडरसन की धीमी गति से की गई गेंद पर छक्का लगाने गए ले‍किन शॉट में ताकत नहीं थी लिहाजा कॉलिंगवुड ने कैच लपक लिया। जहीर ने 19 गेंदों पर 3 चौकों की मदद से 20 रन बनाए। भारअंतिविकेट 49.4 ओवमेगिरा। एंडरसगेंस्टोखेलनआरपसिंबोपारदर्शनीकैशिकाहुएपीयूचावला 13 रनोनाबारहे

इंग्लैंशानदागेंदबाजदेखनमिलउसकगेंदबाजोभारतीबल्लेबाजोबैकफुरखाएंडरसभारकमतोड़र 4 विकेलेनमेसफरहजबकि एंडरसे 9.4 ओवगेंदबाजमें 38 कीमतीविकेप्राप्किएफ्लिंटॉकसावभरगेंदबाजर 10 ओवमें 31 देकर 1 विकेलेनमेसफरहे

45वें ओवर की पहली गेंद ब्रॉड ने यॉर्कर डाली, जो युवराज का लेग स्टम्प ले उड़ी। युवराज को आउट करने के बाद ब्रॉड ने चौथी गेंद पर रमेश पोवार (5) को बेल के हाथों कैच करवा दिया। युवराज ने ब्राड के 43वें ओवर का भुर्ता बनाया। पहले छक्के के साथ 29वाँ अर्धशतक पूरा किया, फिर इसी ओवर में 2 चौकों के अलावा 2 रन भी दिए। ब्रॉड ने इस ओवर में 16 रन लुटाए।

मोंटी पानेसर ने 10 ओवर में 39 रन देकर 1 विकेट प्राप्त किया। ब्रॉड ने भी 10 ओवर में 51 रन देकर 4 विकेट लिए, जो उनके कॅरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

विस्फोटक बल्लेबाज महेन्द्र सिंह धोनी को मोंटी पानेसर ने अपनी स्पिन के जाल में उलझाया। 38वें में उन्होंने टॉफ स्पिन डाली और देखते ही देखते धोनी के डंडे बिखर गए। भारत ने पाँचवा विकेट 140 पर खोया। किसी जमाने में अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए मशहूर हुए धोनी ने 18 गेंदों में 13 रन बनाए। यह पूरी सिरीज इस बल्लेबाज के लिए बहुत बुरा सपना रही है।

39वें ओवमेअजीत आगरकर ब्रॉतेजआगहथियाडाबैठेगेंबल्लबाहरकिनारलियविकेटकीपप्रायकैलपकनमेकोगलतनहीकीतरभारछठविकेट 147 पैवेलियलौटाऐसा लगता है कि इंग्लिश गेंदबाजों के सपनो को 'पर' और कॉ‍लिंगवुड के अरमानों को 'मंजिल' प्रदान कर दी है।

सचिन तेंडुलकर ने अपने वनडे कॅरियर का 81वाँ ‍अर्धशतक पूरा किया और 30वें ओवर में पीटरसन की तीसरी गेंद पर छक्का लगाने के प्रयास में सीमा रेखा पर फ्लिंटॉफ के हाथों लपके गए। सचिन ने 86 गेंदों में 8 चौकों के साथ 55 रन बनाए। उन्होंने युवराज के साथ चौथे विकेट के लिए 71 रनों की भागीदारी भी निभाई।

महेन्द्रसिंह धोनी के मैदान पर आते ही कॉलिंगवुड ने गेंदबाजी का दायित्व फ्लिंटॉफ पर सौप दिया है। फ्लिंटॉफ काफी तेजी से गेंदबाजी कर रहे हैं और उनकी लाइन-लेंग्थ भी सटीक है। उन्होंने पहले स्पेल में 5 ओवर में केवल 8 रन देकर 1 विकेट लिया था जबकि दूसरे स्पेल के अपने पहले ओवर में उन्होंने सिर्फ 3 रन दिए।

भारतीय कप्तान आउट : एक समय भारत 32 रनों पर वह तीन विकेट गँवा चुका था। तीसरे विकेट के रूप में भारतीय कप्तान द्रविड़ (1 रन, 8 गेंद) फ्लिंटॉफ के पहले ओवर की अंतिम गेंद पर विकेटकीपर के दस्तानों में जा समाए।

दिनेश कार्तिक ब्रॉड का शिकार : गांगुली (9) के आउट होने के बाद तीसरे नंबर पर भेजे गए दिनेश कार्तिक कोई चमत्कार नहीं दिखा सके और 11वें ओवर में ब्राड का शिकार बन गए। ब्रॉड की आउट स्विंग गेंद पर कार्तिक (4) ने बल्ला अड़ाया और विकेटकीपर प्रायर ने आसान कैच लपक लिया। भारत का दूसरा विकेट 31 रनों पर गिरा।

गांगुली आउट : भारत ने चौथे ओवर में 17 के कुल स्कोर पर पहला विकेट सौरव गांगुली का खोया। एंडरसन की शॉर्ट पिच गेंद को लाइन में आए बगैर खेलने गांगुली का आसान कैच कुक ने लपका। वे केवल 9 रन ही बना सके।

राहुल द्रविड़ ने लगातार चौथे मैच में सिक्का जीता है। इस बार उन्होंने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस मैच में पेट की तकलीफ से अंग्रेज कप्तान पॉल कॉलिंगवुड निजात पा चुके हैं और फ्लिंटॉफ की भी वापसी हुई।

बदली हटी और धूप खिली : मैनचेस्टर के इस ओल्ड ट्रेफर्ड मैदान पर जब मैच शुरु हुआ था, तब हल्की बदली छायी हुई थी लेकिन 5 ओवरों के बाद चमकदार धूप खिल उठी है। विकेट पर हल्की घास मौजूद है, लिहाजा माना जा सकता है कि यहाँ एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। इसी मैदान पर भारत ने 1983 में विश्व कप के सेमीफाइनल मैच में इंग्लैंड को हराया था और बाद में इंडीज को हराकर कपिल की सेना ने प्रुडेंशियल विश्व कप जीता था।

भारतीय टीम में एकमात्र परिवर्तन मुनाफ पटेल की जगह अजीत आगरकर को शामिल करके किया गया है। यह मैच भारत को पिछली तमाम गलतियों को सुधारने का अच्छा अवसर होगा।

भारत की सबसे बड़ी कमजोरी खराब क्षेत्ररक्षण है। यही कारण है कि पिछले तीन मैचों में भारतीय क्षेत्ररक्षकों ने पाँच लड्‍डू कैच टपकाए। साथ ही विरोधी टीम को 20 से 30 अतिरिक्त रनों का उपहार दिया था।

चक दे इंडिया फिल्म देखी : भारतीय टीम मैनेजमेंट के विशेष अनुरोध पर बुधवार को बहुचर्तित फिल्म 'चक दे इंडिया' दिखाई गई। शाहरूख खान और यश चोपड़ा ने मैनचेस्टर के एक सिनेमाघर में टीम इंडिया के लिए इस फिल्म का विशेष शो रखा था। हो सकता है कि महिला हॉकी खिलाडि़यों से भारतीय क्रिकेट कोई प्रेरणा लें।

यह पहला मौका नहीं : किसी देश के खिलाड़ियों में फिल्म के जरिए जोश भरने का यह पहला प्रसंग नहीं है। आपको याद होगा कि 2003 के विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुँचकर केन्या ने क्रिकेट बिरादरी को हैरत में डाल दिया था।

उस वक्त टीम के कोच संदीप पाटिल थे। उन्होंने केन्याई टीम को फिल्म 'लगान' दिखाई थी ताकि वे भुवन (आमिर खान) के जुझारू जज्बे से प्रेरणा हासिल लें। यह बात अलग है कि केन्याई क्रिकेटरों को भाषा समझने में कठिनाई आई लेकिन फिल्म की थीम ने उनमें नया जोश पैदा किया था और वे सेमीफाइनल तक पहुँचे थे।

फ्रेडी का घरू मैदान : इंग्लैड टीम की रीढ़ माने जाने वाले एंड्रयू फ्लिंटॉफ को प्यार से फ्रेडी कहकर पुकारा जाता है। ओल्ड ट्रेफर्ड उनका घरू मैदान है और वे यहाँ के हीरो माने जाते हैं। फ्रेडी 5 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच अपने घरेलू मैदान पर खेल चुके हैं।