खराब प्रदर्शन के लिए आईपीएल जिम्मेदार
कोच गैरी कर्स्टन ने ट्वेंटी-20 विश्व कप में भारत के खराब प्रदर्शन के लिए इंडियन प्रीमियर लीग की टाइमिंग को दोषी ठहराते हुए 2010 विश्व कप की तैयारी के लिए आईपीएल से परे रहने के संकेत दिए।कर्स्टन ने कहा कि आईपीएल में खिलाड़ियों की थकान और चोट विश्वकप से महेंद्रसिंह धोनी की टीम की जल्दी रवानगी के अहम कारण थे। उन्होंने कहा कि हमारे कई क्रिकेटरों को टूर्नामेंट के दौरान चोट लगी। आईपीएल में लगी चोट के कारण वे क्रिकेट से कट गए।उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज में नौ महीने बाद होने वाले ट्वेंटी-20 विश्व कप से पहले भारत का शेड्यूल बदलने वाला नहीं है। यदि मैं ही कोच रहा तो हम बेहतर रणनीति बनाएँगे और जरूरत पड़ी तो खिलाड़ी आईपीएल नहीं खेलेंगे। हम चाहते हैं कि असल प्रतिस्पर्धा से पहले खिलाड़ी तैयार रहें।धोनी ने टी-20 विश्व कप के लिए रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकार किया था कि टीम थकी हुई है, लेकिन उन्होंने आईपीएल को युवाओं की तैयारी के लिए अच्छा मंच करार दिया था। भारत ने टी-20 विश्व कप के प्रारंभिक चरण में बांग्लादेश और आयरलैंड जैसी कमजोर टीमों को हराया लेकिन वेस्टइंडीज और इंग्लैंड से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया। कर्स्टन ने कहा कि भारतीय टीम आईपीएल के बाद तरोताजा और फिट नहीं थी क्योंकि जनवरी से वह लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रही थी।उन्होंने कहा कि हमारे भीतर उतनी ऊर्जा नहीं थी जितनी न्यूजीलैंड में थी। हम थके हुए थे क्योंकि जनवरी से हम लगातार दौरे पर थे। कोच ने कहा हमें पता ही नहीं चल रहा था कि अभ्यास ज्यादा करें या आराम अधिक जरूरी है। आखिरकार हमने खिलाड़ियों को पर्याप्त आराम दिया ताकि वे अहम मैचों से पहले तरोताजा हो सके। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और आयरलैंड के खिलाफ मुकाबले आसान थे। उसके बाद वेस्टइंडीज के सामने हम पूरी रंगत में नहीं दिखे। तब पता चला कि कठिन प्रतिद्वंद्वियों से पार पाना आसान नहीं होगा। कर्स्टन ने कहा कि कई खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे लिहाजा शॉर्ट पिच गेंदों पर उनकी परेशानी और बढ गई।उन्होंने कहा यदि हम अपनी क्षमता के अनुरूप खेलते तो जीतते। रोहित शर्मा और सुरेश रैना दो बेहद प्रतिभाशाली युवा क्रिकेटर हैं, लेकिन इनमें से एक के लिए टूर्नामेंट अच्छा नहीं रहा। कर्स्टन ने कहा लेकिन मुझे इसमें कोई शक नहीं कि वह फॉर्म में लौटेगा और अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि आईपीएल खेलने से भारतीय टीम की तैयारी बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि यह घरेलू टूर्नामेंट है। इसमें कुछ शीर्ष क्रिकेटर है लेकिन बाकी प्रथम श्रेणी क्रिकेटर ही हैं। आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी फर्क है। जब सर्वश्रेष्ठ 11 खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करते हैं तो स्तर काफी बढ़ जाता है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि कई खिलाड़ी इस हार से सदमे में है और अब वे आगे अपना प्रदर्शन कैसे सुधारते हैं यह इस बात पर निर्भर होगा कि वे इस सदमे से कैसे निकलते हैं। उन्होंने कहा खिलाड़ी बेहद मायूस हैं। हमने ऐसा कुछ नहीं किया जिस पर लोगों को फख्र हो। ड्रेसिंग रूम में मौजूद 15 खिलाड़ियों के चेहरों से पता चलता है कि वे कितने दु:खी हैं।