Last Modified: नॉटिंघम (भाषा) ,
सोमवार, 15 जून 2009 (22:53 IST)
क्यों विश्व कप से बाहर हो गई धोनी की टीम?
पिछले चैंपियन भारत के खिताब की दौड़ से बाहर होने के बाद कप्तान महेंद्रसिंह धोनी और उनके साथी जरूर इस पर गौर करेंगे कि आखिर उनकी टीम ने क्या गलत किया, जिससे उनकी टीम ट्वेंटी-20 विश्व कप में अपने खिताब का बचाव करने में नाकाम रही।
भारत की हार का सबसे बड़ा कारण बल्लेबाजों का शॉर्ट पिच गेंदों का न खेल पाना रहा। भारत में अपेक्षाकृत स्पिन गेंदबाजों की मददगार पिचों पर खेलने वाले बल्लेबाजों को इस साल के शुरू में न्यूजीलैंड में अच्छे तेज आक्रमण का सामना नहीं करना पड़ा।
दक्षिण अफ्रीका में खेली गई इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में उन्होंने टूटती पिचों पर अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन जब वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने शॉर्ट पिच गेंदों से भारत के युवा बल्लेबाजों की परीक्षा ली तो उनकी कमजोरी जगजाहिर हो गई।
भारत का क्षेत्ररक्षण दूसरा प्रमुख कारण रहा। रोहित शर्मा, युवराजसिंह, सुरेश रैना, रविंदर जडेजा और गौतम गंभीर अच्छे क्षेत्ररक्षक हैं लेकिन टीम ने अभ्यास को अधिक तरजीह नहीं दी, जिससे ये खिलाड़ी मैदान पर नियमित तौर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए।
भारतीय टीम यदि अभ्यास से बचती रही तो यह अकेली उसकी गलती नहीं है क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें विश्राम का बहुत कम मौका दिया। न्यूजीलैंड के लंबे और व्यस्त कार्यक्रम के बाद खिलाड़ियों को तुरंत दक्षिण अफ्रीका में आईपीएल खेलने के लिए जाना पड़ा और फिर वे ट्वेंटी-20 विश्व कप खेलने के लिए आ गए।
भारतीय टीम को अपनी कमियों में सुधार करने का बमुश्किल मौका मिला। धोनी की आखिर में शिकायत भी रही कि उनका खाली समय संवाददाता सम्मेलन करने कप्तानों की बैठक में भाग लेने और तकनीकी समिति की बैठक में बीता, जिससे पता चलता है कि भारतीय टीम को अभ्यास के लिए समय की कितनी सख्त दरकार थी।
कप्तान धोनी ने स्वीकार किया कि वह छक्के नहीं जड़ सकते। यह स्वागत योग्य है लेकिन उनका यह कहना कि वह इस पर काम कर रहे हैं, सही नहीं है क्योंकि टीम ने बमुश्किल अभ्यास किया।
इसके अलावा रोहित शर्मा को सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतारने का दाँव भी नहीं चल पाया। वह पाँचवें या छठे नंबर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे हैं लेकिन पारी का आगाज करने पर असफल रहने पर भारत ने मध्यक्रम का एक अच्छा बल्लेबाज खो दिया।
भारत स्लॉग ओवरों में अपनी कमजोरी में भी सुधार नहीं कर पाया। जहीर खान अभी चोट से उबरे हैं और ईशांत शर्मा काफी थके हुए हैं ऐसे में टीम आरपी सिंह और प्रवीण कुमार का अच्छा उपयोग कर सकती थी। आरपी सिंह ने कल जो तीन ओवर किए, उनमें वह जीवंत दिख रहे थे लेकिन धोनी के अन्य गेंदबाज लॉर्ड्स की पिच से मिल रहे उछाल का फायदा नहीं उठा पाए।