Last Modified: सिडनी (वार्ता) ,
रविवार, 3 जून 2007 (03:05 IST)
ऑस्ट्रेलिया जिम्बाब्वे दौरे पर जाने को प्रतिबद्ध
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट अधिकारियों ने कहा है कि सरकार की बायकॉट की अपील के बावजूद वह जिम्बॉब्वे का दौरा करने को प्रतिबद्ध है।
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री एलेक्जेंडर डोनर जिम्बॉब्वे के राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे के विरोध में दौरा रद्द करना चाहते हैं और इस संबद्ध में वह क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के अधिकारियों और ऑस्टेलियाई क्रिकेटर्स संघ सेमिलने वाले हैं।
लेकिन सीए के प्रवक्ता पीटर यंग ने ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन से कहा कि यह दौरा तभी रद्द हो सकता है, जब वहाँ खिलाड़ियों की सुरक्षा को कोई खतरा हो।
यंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का नियम है कि आईसीसी से संबंद्ध सभी देश निरंतर अंतराल पर एक दूसरे देश का दौरा करेंगे और दौरा तभी रद्द किया जा सकता है, जब यह खिलाड़ियों की सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं हो या फिर भ्रमणकारी देश किसी अनन्य कारण से दौरा करने की स्थिति में ही न हो।
अगर ऑस्ट्रेलिया जिम्बॉब्वे दौरे पर जाने से इन्कार करता है तो सीए को 20 लाख डॉलर का जुर्माना देना होगा, लेकिन अगर सरकार उनको जाने देने से मना कर देती है तब उन पर जुर्माना नहीं किया जा सकेगा।
डोनर ने कहा कि सरकार खिलाड़ियों को दौरा रद्द करने के बारे में दबाव नहीं डालेगी, बल्कि जुर्माना ही दे देगी। हालाँकि यह रकम परोक्ष रुप से मुगाबे को ही जाएगी, जो जिम्बॉब्वे क्रिकेट के संरक्षक भी हैं।
उन्होंने गुरुवार को संवाददाताओं को कहा कि यह पैसा जिम्बॉब्वे क्रिकेट संघ को ही जाएगा और वे पैसों का अपने तरीके से उपयोग करेंगे। गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से जिम्बॉब्वे क्रिकेट संकट के दौर से गुजर रहा है। आईसीसी ने इसका टेस्ट दर्जा छीन लिया है।
जो भी देश जिम्बॉब्वे का दौरा करने से इनकार करता है, उसे जुर्माना भरना पड़ सकता है, लेकिन 2004 में ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर स्टुअर्ट मैकगिल ने व्यक्तिगत विरोध करते हुए जिम्बॉब्वे के दौरा पर जाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने चयनकर्ताओं से कहा कि वह जिम्बाब्वे दौरे पर नहीं जा सकते।
उनके इस घोषणा के बाद ऑस्ट्रेलिया का जिम्बॉब्वे दौरा रद्द कर दिया गया था और उसे कोई जुर्माना नहीं भरना पड़ा था। इसके अगले वर्ष आईसीसी द्वारा जिम्बॉब्वे का टेस्ट दर्जा छीन जाने के बाद इंग्लैंड टीम का प्रस्तावित जिम्बॉब्वे दौरा भी रद्द हो गया था।
2005 में न्यूजीलैंड की सरकार ने जिम्बॉब्वे टीम को वीजा देने से इन्कार कर दिया था और उसपर भी कोई जुर्माना नहीं किया गया था।