सीयूईटी : अब प्रवेश पत्र पर बीती हुई तारीख से बढ़ी छात्रों की मुश्किलें
नई दिल्ली। स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) देने की तैयारी में जुटे कई अभ्यर्थी यह दावा कर रहे हैं कि उनके प्रवेश पत्रों में लिखी परीक्षा की तारीख बीत चुकी है, जबकि पहले उन्हें दूसरी तारीख बताई गई थी। पहली बार आयोजित हो रही सीयूईटी विवादों में रही है और इसमें खामियों के कारण अभी तक कई केंद्रों पर परीक्षा रद्द करनी पड़ी है।
यह परीक्षा छह चरणों में विभाजित है। बहरहाल, कई उम्मीदवारों के लिए परीक्षा की तारीखें नए सिरे से जारी करने और परीक्षा केंद्र के लिए शहर की पसंद के विकल्प ने कई छात्रों को चिंता में डाल दिया है क्योंकि उनके प्रवेश पत्र और परीक्षा केंद्र वाले शहरों की सूचना देने वाली पर्चियों में अलग ही तारीखें लिखी हुई हैं।
छात्र परीक्षा में बैठने का एक और मौका देने का अनुरोध करते हुए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का रुख कर रहे हैं। राजस्थान में जोधपुर के युवराज सिंह चौहान को बताया गया कि उसकी परीक्षा 10 अगस्त को होनी थी। जब उसने सात अगस्त को अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड किया तो वह यह देखकर चौंक गया कि उसकी परीक्षा की तारीख छह अगस्त थी जो पहले ही बीत चुकी है।
उसने कहा, प्रवेश पत्र परीक्षा से बहुत ज्यादा वक्त पहले उपलब्ध नहीं होते हैं। अगर परीक्षा की तारीख बदली जाती है तो कुछ सूचना तो देनी चाहिए। मेरी परीक्षा की तारीख पहले ही बीत चुकी है और मैं फिर से परीक्षा कराने का अनुरोध करते हुए एनटीए को ईमेल कर रहा हूं लेकिन मुझे उनका कोई जवाब नहीं मिला है।
उत्तर प्रदेश में बलरामपुर के अतुलसेन सिंह यादव की भी यही समस्या है। उसने कहा, मेरी परीक्षा की तारीख बदलकर 30 अगस्त की गई थी, क्योंकि मुझे मेरी पसंद का शहर (बलरामपुर) मिल गया था लेकिन जब आज मैंने प्रवेश पत्र डाउनलोड किया तो उसमें परीक्षा की तारीख 17 अगस्त लिखी हुई थी, जो कि गुजर चुकी है।
यूजीसी अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा कि जिन छात्रों की शिकायतें हैं, उन्हें अपनी आवेदन संख्या के साथ एनटीए को पत्र लिखने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, सत्यापन के बाद एनटीए उन्हें फिर से परीक्षा देने की अनुमति देने पर फैसला लेगी। बिहार से सीयूईटी की परीक्षा देने की तैयारी कर रहे निखिल आर. मिश्रा यह देखकर स्तब्ध रह गए कि उनके प्रवेश पत्र में न केवल परीक्षा की तारीख बदली हुई थी, बल्कि शहर भी बदला हुआ था, जो पहले बताए गए शहर से पांच घंटे की दूरी पर था।
वहीं कानपुर के रौनक पाटकर को छह अगस्त को ईमेल आया कि उसकी परीक्षा उसी दिन दूसरी पाली में है। हालांकि एक दिन पहले तक उसका प्रवेश पत्र उपलब्ध नहीं था और उसे पहले परीक्षा की जो तारीख बताई गई थी, वह अलग थी।(भाषा)