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बुधवार, 27 फ़रवरी 2013 (16:09 IST)
डीजल और एलपीजी के दाम बढ़ाने की वकालत
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मुंबई। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा बुधवार को लोकसभा में पेश आर्थिक समीक्षा 2012-13 में सब्सिडी पर खर्च में कमी लाने की वकालत करते हुए डीजल व रसोईं गैस के दाम बढाने पर जोर दिया गया है।
समीक्षा में कहा गया है कि सब्सिडी पर खर्च में कटौती काफी महत्वपूर्ण है। डीजल और एलपीजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) के दामों में बढ़ोतरी कर इन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप लाया जाना चाहिए।
समीक्षा कहती है कि इसकी शुरुआत सितंबर 2012 से हो चुकी है। उस समय डीजल कीमतें बढ़ाने का फैसला किया गया था। उसके बाद जनवरी 2013 में पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को नियमित अंतराल पर डीजल के दाम बढ़ाने की अनुमति दी गई। इसके अलावा सब्सिडी वाले सस्ते रसोई गैस सिलेंडर की सालाना सीमा प्रति परिवार 9 तय की गई है।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि सब्सिडी में कटौती बेहतर लक्षित तरीके तथा उनकी आपूर्ति में लीकेज समाप्त कर की जा सकती है। ऐसी ही एक पहल प्रत्यक्ष नकदी अंतरण योजना है।
समीक्षा में खाद्य सब्सिडी को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है, खासकर गरीबों को उनकी जरूरत से कम खाद्यान्न की उपलब्धता तथा देश में कुपोषण की स्थिति को देखते हुए इसे जरूरी बताया गया है।
समीक्षा कहती है कि सरकार इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के जरिए पूरा करना चाहती है हालांकि इस मामले में भी भारी सब्सिडी का बोझ पड़ने को लेकर चिंता जताई है। समीक्षा में कहा गया है कि इसके बावजूद यह काम किया जाना जरूरी है, बेशक अन्य खर्चों में कटौती करनी पड़े। (भाषा)