जब लोगों को पैसों की आपात जरूरत होती है या उनके पास अपर्याप्त फंड होता है, तब उनका ध्यान निजी कर्ज (पर्सनल लोन) पर जाता है। किसी भी वित्तीय दायित्व को पूरा करने के लिए ये कर्ज सबसे अच्छे होते हैं। इनके लिए किसी जमानती अग्रिम की जरूरत नहीं होती है और ये आसानी से बांट दिए जाते हैं।
इस कर्ज का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे किसी भी उद्देश्य के लिए लिया जा सकता है। शादी के लिए जरूरी हो, आजीविका संबंधी काम धंधा या इलाज पर खर्च, आप किसी भी काम के लिए इस फंड का उपयोग कर सकते हैं।
अगर आपको एक पर्सनल लोन की जरूरत है तो आप इसके लिए एप्लाई कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप इसके योग्यता मानकों को पूरा करते हों, आपकी न्यूनतम आयु और आय वांछित हों। योग्यता मानकों को पूरा करने के साथ-साथ यह भी जरूरी होगा कि आपका सिबिल स्कोर अच्छा हो ताकि लेंडर्स आपके आवेदन पर पर्सनल लोन के आवेदन को स्वीकार कर सकें।
सिबिल स्कोर क्या है? : उल्लेखनीय है कि सिबिल (क्रेडिट इनफरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) एक क्रेडिट ब्यूरो या क्रेडिट इनफरमेशन कंपनी है जो कि एक व्यक्ति या कंपनी के मासिक साख आंकड़ों को इकट्ठा करती है और इन्हें अद्यतन बनाए रखती है।
इन आंकड़ों में यह बातें शामिल होती हैं कि आपने किससे कुल कितना कर्ज लिया, कुल क्रेडिट अकाउंट्स क्या हैं, आपकी रिपेमेंट हिस्ट्री क्या है जिसमें देरी से किया गया भुगतान या भुगतान में चूक का हिसाब शामिल होता है, बकाया राशि और कर्जों से संबंधित क्रेडिट लिमिट, क्रेडिट कार्ड्स और साख लेने के अन्य तरीकों का उल्लेख होता है। ब्यूरो विभिन्न सदस्य बैंकों, क्रेडिट कार्ड कंपनियों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों की मदद से साख संबंधी जानकारी जुटाता है और इसका इस्तेमाल आपकी साख जानकारी रिपोर्ट (सीआईआर) तैयार करने में करता है और गणना कर आपका क्रेडिट स्कोर तय करता है।
किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर उसकी साख योग्यता को निर्धारित करता है। जब लोग एक लोन के लिए आवेदन करते हैं तो लेंडर्स अपने ब्यूरो कार्यालयों से उनकी क्रेडिट रिपोर्ट मांगते हैं और इस सूचना से साख जोखिम का निर्धारण होता है। सिबिल द्वारा जारी क्रेडिट स्कोर को सिबिल रिपोर्ट के तौर पर जाना जाता है और यह 300 से लेकर 900 स्कोर के बीच होती है। अगर आपका स्कोर जितना ज्यादा 900 के पास है, तो इस बात की बेहतर संभावनाएं होती हैं कि आपको लेंडर्स से लोन की स्वीकृति मिल जाएगी।
पर्सनल लोन आवेदन के निपटारे में इसकी क्या भूमिका होती है?
आपका सिबिल स्कोर भारत की वित्तीय व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे लेंडर्स को उधारी के खतरों को जानने में मदद मिलती है तो वहीं कर्ज लेने वाले को उसके आवेदन पर समुचित राशि मिल जाती है। लेकिन मात्र आपका सिबिल स्कोर ही एकमात्र पैमाना नहीं है जिसके आधार पर आपका लोन एप्लीकेशन स्वीकृत होता है या अस्वीकृत होता है। पर यह निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कारक है जिसे आवेदकों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
लेकिन, अगर आप एक पर्सनल लोन ले रहे हैं तो आपका सिबिल स्कोर जितना ऊंचा होता है, उतना ही बेहतर होता है। किसी व्यक्ति का एक ऊंचा सिबिल स्कोर दर्शाता है कि अतीत में उसने अपनी साख का भली-भांति इस्तेमाल किया है। एक अच्छा साख इतिहास यह दर्शाता है कि व्यक्ति के अपनी नई साख को समय से चुकाने की संभावना है। जबकि निचला सिबिल स्कोर यह दर्शाता है कि व्यक्ति एक जिम्मेदार कर्जदार नहीं है। उसने अपने लोन को चुकाने के मामले में चूक की होगी और उस पर नई साख को समय पर चुकाने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता है।
यह आपकी पर्सनल लोन की ब्याज दर को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
ब्याज दर किसी भी लोन का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। जब आप लोन लेते हैं तब आपको न केवल लोन की राशि चुकानी पड़ती है वरन इस पर ब्याज की राशि भी देनी होती है, जिसका आकलन लोन राशि पर प्रत्येक माह के लिए किया जाता है। इसलिए ब्याज राशि के आधार पर लेंडर्स अपने को सुरक्षित बनाता है और लाभ भी कमाता है।
आप अपने लेंडर्स को जो कुल राशि चुकाते हैं, उस पर ब्याज दर का अहम असर पड़ता है क्योंकि आपका लोन पेमेंट्स या इएमआईज में ब्याज की मात्रा और कर्ज की राशि भी शामिल होती है। अगर आप एक पर्सनल लोन नीची ब्याज दर पर हासिल करते हैं तब आपकी लोन इएमआई में कम ब्याज की राशि शामिल होती है और लोन का भुगतान करना आपके लिए अधिक आसान हो जाता है। इसका यह भी अर्थ होता है कि आप अपने लेंडर को अधिक कम राशि चुकाएंगे।
विदित हो कि लेंडर्स अपनी ब्याज दरों को अचानक और अनायास ही तय नहीं करते हैं। आपका सिबिल स्कोर आपकी साख योग्य होने का एक प्रमाण होता है। चूंकि कर्ज देना एक जोखिम का काम है इसलिए लेंडर कर्जदाता के जोखिम की मात्रा को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों का निर्धारण करते हैं। लेकिन अगर आपका लेंडर अनुभव करता है कि आपको लेकर जोखिम तो है लेकिन नई साख को देकर आप पर भरोसा किया जा सकता है तो आपको कर्ज तो मिल जाएगा लेकिन यह ऊंचे पर्सनल लोन ब्याज दर पर होगा।
पर्सनल लोन लेने के लिए कितने सिबिल स्कोर की जरूरत होती है?
सिबिल स्कोर के आधार पर पर्सनल लोन एक कर्जदाता से दूसरे कर्जदाता पर अलग-अलग निर्भर करता है। लेंडर्स कभी इस बात को नहीं बताता है कि एक पर्सनल लोन पर सिबिल स्कोर के आधार पर आपको कितना ब्याज देना होगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रत्येक प्रोफाइल एक दूसरे से अलग होता है और इसका आकलन विभिन्न कारकों के आधार पर किया जाता है तथा क्रेडिट स्कोर इनमें से मात्र एक कारक होता है। किसी पर्सनल लोन पर क्या ब्याज दर होगी, तब तक तय नहीं होगी जब तक कि आप इसके लिए आवेदन नहीं करते हैं।
विभिन्न प्रेक्षणों के अनुसार यह देखा गया है कि आम तौर पर लेंडर्स क्रेडिट स्कोर के कम से कम 750 होने पर ही तय करते हैं कि लोन देना है या नहीं। लेकिन अगर आप का सिबिल स्कोर इस संख्या से कम है तो आप कर्ज पा सकते हैं लेकिन यह ऊंची ब्याज दर पर होगा। अगर आप सर्वश्रेष्ठ ब्याज दर पर पर्सनल लोन चाहते हैं तो आपका सिबिल स्कोर 750 या इससे अधिक होना चाहिए।
अगर सिबिल स्कोर नीचा है तो क्या करें? : अगर आपका सिबिल स्कोर 750 से नीचा है तो आपको इसमें सुधार करना होगा या फिर ऊंचे ब्याज दर पर पर्सनल लोन लेना होगा। अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट अच्छी होगी तभी आपका सिबिल स्कोर अच्छा होगा। लेकिन अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट अच्छी नहीं है तो आपको इसे अच्छा बनाना होगा ताकि आपका सिबिल स्कोर अच्छा हो जाए। इस प्रक्रिया को पूरे होने में समय लगेगा लेकिन अंत में यह लाभदायी होगी।
सिबिल स्कोर कैसे बढ़ाएं?
आपका सिबिल स्कोर बढ़ाने के लिए कुछेक युक्तियां इस प्रकार हैं जोकि नीचे दी गई हैं-
-अपने क्रेडिट कार्ड बिल्स और कर्ज की किश्तें समय पर चुकाएं।
-इस बात को सुनिश्चित करें कि आप अपने कर्ज के भुगतान में चूक न करें, देरी न करें या आंशिक भुगतान न करें और अपने क्रेडिट कार्ड्स के बिलों के साथ भी ऐसा ही करें।
-यह तय करें कि क्रेडिट कार्ड पर उपलब्ध क्रेडिट का कभी भी 40 फीसदी से ज्यादा अंश खर्च न करें।
-नई तरह की क्रेडिट के लिए बारम्बार आवेदन न करें क्योंकि आपको लेंडर्स कर्ज का भूखा ग्राहक समझ सकते हैं।
-अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को नियमित तौर पर चेक करें ताकि इसमें कोई गलती न हो।
-जहां तक संभव हो, कठोर पूछताछ से बचें।
-अगर पुराने साख खातों का इतिहास अच्छा रहा हो तो उन्हें बंद न करें।
अगर आप इन बातों का ईमानदारी से पालन करें तो जल्द ही आप अपना सिबिल स्कोर सुधार सकते हैं। ऊंचा सिबिल स्कोर मात्र एक संख्या नहीं है वरन यह इस बात का प्रतीक है और यह लेंडर्स को विश्वास दिलाता है कि इस व्यक्ति का साख को लेकर व्यवहार बड़ा ही अनुशासित है। ऊंचा सिबिल स्कोर न केवल आपको शीघ्रता से किसी भी तरह का लोन दिलाने में मदद करता है वरन यह लेंडर्स से अपको ब्याज दरों और संतोषजनक व्यवहार सुनिश्चित कराने में भी सहायक होता है।