'मोदी टैक्स' हटा ले सरकार तो 63 रुपए लीटर हो सकती है पेट्रोल की कीमतें, घट जाएंगे डीजल के भी दाम : कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर मंगलवार को सरकार पर देश की जनता से 20 लाख करोड़ रुपए वसूलने का आरोप लगाया और कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर पिछले साढ़े 6 वर्षों के दौरान उत्पाद शुल्क में की गई वृद्धि को वापस लिया जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि अगर सरकार मोदी टैक्स रूपी अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को वापस लेती है तो दिल्ली में पेट्रोल की कीमत घटकर 61.92 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 47.51 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी।
उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क का तुलनात्मक आंकड़ा पेश करते हुए दावा किया कि सरकार लगातार भावनात्मक मुद्दे गढ़ती है ताकि लोगों का ध्यान पेट्रोल-डीजल एवं रसोई गैस की बढ़ती कीमतों की ओर नहीं जाए।
खेड़ा ने कहा कि पिछले छ: साल में पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाकर सरकार 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक कमा चुकी है। 2014 में संप्रग के चुनाव हारने के समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी तो दिल्ली में पेट्रोल 71.51 रुपए प्रति लीटर और डीजल 57.28 रुपये प्रति लीटर बिकता था।
उनके मुताबिक फरवरी, 2021 में कच्चे तेल की कीमत 54 डॉलर प्रति बैरल है तो दिल्ली में पेट्रोल 89 रुपये और डीजल करीब 80 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि छ: वर्षों में सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 23.78 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 28.37 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया। मैं इसे मोदी टैक्स कहूंगा।
उन्होंने कहा कि अब समझ में आ जाना चाहिए कि यह सरकार रोजाना नए-नए विवादों को गढ़ती है ताकि लोगों का ध्यान इस तरफ नहीं जाए। खेड़ा ने सवाल किया कि 20 लाख करोड़ रुपए कहां गए क्योंकि सरकार कहीं भी कुछ अच्छा करते हुए नहीं दिख रही है?
उन्होंने कहा कि हम यह मांग करते हैं कि उत्पाद शुल्क को वापस लीजिए। अगर साढ़े छ: साल में लगाए गए अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को वापस लिया जाता है तब दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 61.92 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 47.51 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी। (भाषा)