टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं, लोग निराश
नई दिल्ली। महंगाई के दौर में आयकर मे रियायत की आशा कर रहे वेतन भोगियों को उस समय निराशा हाथ लगी। जब 2013-14 के बजट में इसकी सीमा और स्लैब मे किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया। वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने आज लोकसभा में आगामी वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए कहा कि आयकर की सीमा और स्लैब में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि इसमें पिछले वर्ष परिवर्तन किया गया और अब इसकी जरूरत महसूस नहीं होगी। उन्होंने मामूली राहत की घोषणा करते हुए कहा कि पांच लाख रुपए तक की आय वाले को आयकर में दो हजार रुपए की छूट दी जाएगी। इसमें 1.8 करोड़ आयकरदाताओ को लाभ होगा।वित्त मंत्री ने इस बजट में प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन टैक्स लगाया है। 50 लाख से ऊपर का मकान या संपत्ति खरीदने पर अब एक फीसदी ट्रांजैक्शन टैक्स लगेगा। हालांकि खेती की जमीन की खरीद-बिक्री पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। बजट सेशन खत्म होने से पहले डायरेक्ट टैक्स कोड (डीटीसी) को सदन के पटल पर रखा जाएगा और 2014 से इसे लागू कर दिया जाएगा।वित्त मंत्री से उम्मीद थी कि वह मकानों के बढ़ते दामों को देखते हुए होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर इनकम टैक्स छूट की सीमा डेढ़ लाख रुपए से बढ़ाएंगे। ऊंची ब्याज दरों और महंगे मकान की वजह से डेढ़ लाख की छूट नाकाफी मानी जा रही है।इस मामले में भी उन्होंने चुनिंदा राहत दी। केवल ऐसे लोगों को ईएमआई पर एक लाख रुपये टैक्स डिडेक्शन मिलेगा जिन्होंने 25 लाख रुपये तक का लोन लेंगे। वह भी पहले लिए गए होम लोन पर लागू नहीं होगा। जो लोन फाइनैंशल ईयर 2013-14 में लिए जाएंगे, उन्हीं पर यह सुविधा मिलेगी। टैक्स के मुख्य बिंदु :* टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं* पांच लाख तक आय वालों को 2 हजार तक की छूट दी जाएगी।* एक करोड़ से ज्यादा आय वालों को 10 फीसदी सरचार्ज देना होगा।* विदेशों से मिलने वाली आय पर 15 फीसदी छूट मिलेगी।* डोनेशन चिल्ड्रन फंड को दिया तो 100 फीसदी छूट।* मिडिल क्लास पर कोई नया बोझ नहीं।* एजुकेशन पर 3% सेस जारी रखा गया है।*आयकर दरों में संशोधन के परिणाम स्वरूप दो लाख से पांच लाख तक की आय वाले करदाताओं को देय कर में 2 हजार 60 रुपए की छूट मिलेगी*पांच लाख से अधिक आय वाले करदाताओं का कर दायित्व पूर्व जैसा ही रहेगा।*बच्चों के फंड में दिए जाने वाले दान पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।*2 लाख 20 हजार रुपये की कमाई करने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन ऐसे लोगों पर 10 % सरचार्ज लगाया जाएगा, जिनकी टैक्सेबल इनकम एक करोड़ रुपये या इससे ज्यादा है।*एक करोड़ रुपए से अधिक की आय वाले करदाताओं को देय कर पर 10 % सरचार्ज देना होगा।*देश में 42,800 लोग ऐसे हैं, जिनकी आय 1 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा है। इन्हें सुपर रिच की श्रेणी में रखा गया है।*कंपनियां जिनकी सालाना आमदनी 10 करोड़ रुपए से अधिक है उन पर भी 10% का सरचार्ज लगाया गया है।