Last Modified: नई दिल्ली ,
सोमवार, 11 मार्च 2013 (18:12 IST)
एफआईआई हेतु केवाईसी पर काम जारी : पी. चिदंबरम
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नई दिल्ली। वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि देश में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लिए एक साझा केवाईसी (अपने ग्राहक को जानिए) बनाने के लिए नए मानक बनाने की दिशा में काम कर रही है।
चिदंबरम ने राज्यसभा में कहा कि सरकार विदेशी निवेशकों के लिए सभी केवाईसी प्रावधानों को एकसाथ लाने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि एफआईआई के लिए विभिन्न नियामकों की खातिर जल्दी ही एक साझा केवाईसी होगा चाहे यह पेंशन, बैंकिंग, स्टॉक या बीमा का क्षेत्र हो। इनके लिए एक ही केवाईसी होना चाहिए।
चिदंबरम ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (संशोधन) विधेयक पर सदन में हुई संक्षिप्त चर्चा के जवाब में कहा कि अभी देश में 1,756 एफआईआई पंजीकृत हैं और सेबी से किसी एफआईआई के पंजीकरण में अधिकतम 3 सप्ताह का समय लगता है।
चिदंबरम के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया। इस विधेयक में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के प्रमुख पद के लिए 7 साल तक पद पर रह चुके उच्च न्यायालय के मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एक और अर्हता शामिल की गई है।
मौजूदा प्रावधानों के अनुसार अभी उच्चतम न्यायालय के मौजूदा या अवकाशप्राप्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मौजूदा या अवकाशप्राप्त मुख्य न्यायाधीश न्यायाधिकरण के प्रमुख बन सकते हैं, लेकिन सरकार के लिए यह पद भर पाना मुश्किल साबित हो रहा था।
चिदंबरम ने कहा कि एफआईआई द्वारा निवेश के ग्राफ में वृद्धि हो रही है। 2012 में एफआईआई ने भारत में 31 अरब डॉलर का निवेश किया। इस साल 1 जनवरी से अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 10 अरब डॉलर का निवेश किया है।
चिदंबरम ने कहा कि शेयर बाजार में करीब 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इससे अच्छा रिटर्न मिल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में अधिक विदेशी निवेश से शेयर बाजार में निवेशकों को अधिक लाभ हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि भारत में एफआईआई निवेश में वृद्धि संकेतक है कि यहां के बाजार का समुचित ढंग से नियमन हो रहा है। जब मैंने वित्तमंत्री का पदभार संभाला था, उस समय सेंसेक्स 17,257 था, जो अब 19,680 हो गया है। निफ्टी भी 5,240 से बढ़कर 5,949 हो गया है।
चर्चा में सदस्यों द्वारा भेदिया कारोबार पर चिंता जताए जाने का जिक्र करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि सेबी से ऐसे मामलों पर नजर रखने को कहा गया है। भेदिया कारोबार गंभीर अपराध है। वे लोग चालाक हैं।
चिदंबरम ने कहा कि हमें ऐसी धोखाधड़ी करने वाले लोगों से अधिक चतुर बनना होगा। हम ऐसा बनने का प्रयास कर रहे हैं। मैंने सेबी से निगरानी बढ़ाने को कहा है। उन्होंने दावा किया कि अपना शेयर बाजार दुनिया के बेहतरीन नियंत्रित बाजारों में से है और सेबी गड़बडी करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में काफी सक्रिय है।
उन्होंने कहा कि सेबी ने 1 अप्रैल 2009 से 28 फरवरी 2013 के बीच 1,125 कंपनियों को निलंबित किया है। (भाषा)