होली की कहानी : नन्ही चिड़िया की होली
एक दिन एक चिड़िया के मन में खयाल आया कि सारे लोग होली पर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, तो इस बार वह भी होली मनाएगी। चिड़िया ने पोखर में जाकर देखा तो पानी नहीं था। गर्मियों की शुरुआत में ही सूखे पोखर को देखकर चिड़िया को लगा कि रंग बने तो ऐसे जिन्हें छुड़ाने में ज्यादा पानी नहीं लगे तो अच्छा। अपना ही खयाल चिड़िया को जम गया कि वह वैसे रंग से होली नहीं खेलेगी, जिससे सब खेलते हैं। वह अपना रंग बनाएगी। पर मुश्किल थी। चिड़िया के सामने मुश्किल यह थी कि वह रंग कहां से लाएगी। तभी उसे याद आई टेसू के पेड़ की।