मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. नन्ही दुनिया
  4. »
  5. कविता
Written By WD

चूहे आए सौ...

चूहे आए सौ... -
बिल्ली नाटक देख रही थी
चूहे आए सौ
बिल्ली बोली, मिला न चूहा
बीत गए बरसों
बिल्ली कुछ आगे को आई
चूहे टूट पड़े
घाव हुए चेहरे पर उसके
काफी बड़े-बड़े
नाटक देखे बिना वहाँ से
भाग गई बिल्ली
सौ चूहे थे, सबने उसकी
जी भर ली खिल्ली।


साथ- साथ...
मैं पढ़ता हूँ अपनी पुस्तक, अपनी पढ़ना तुम
और किसी से किसी बात पर, नहीं झगड़ना तुम
साथ-साथ ही पढ़ने जाना, साथ-साथ आना
साथ-साथ ही मिलजुल करके, गाना भी गाना।

बोलो किसने...
किसने इसको पत्थर मारा
किसने तोड़ा पैर
बेचारे मेंढक से माना
किसने ऐसा बैर
नहीं उछल पाता है अब वह
फिर भी गाता गीत
गाते-गाते आधा घंटा
इसे गया है बीत
पीला-पीला रंग-रंगीला
यह है नन्हीं जान
बैठा है सीना ऊँचा कर
देखो इसकी शान।