मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. नन्ही दुनिया
  4. »
  5. कविता
Written By WD

खट्टे-मीठे आम

खट्टे-मीठे आम -
अब अमराई में आम डोले
फुनगी पर देखो कोयल बोले
भीनी खुशबू फैल गई है
चिड़िया फुदकी हौले-हौले
गुच्छे लटक रहे अब देखो
मिल-जुलकर तुम नजरें फेंको

तोते ने भी चोंच मारी
लगता धरती आँचल खोले
हरे-भरे हैं आम रसीले
खट्टे-मीठे कुछ हैं पीले
लँगड़ा देसी कलमी आम
बिट्टू-किट्टू का मन डोले

पेड़ हमें कितना कुछ देते
बदले में हमसे ना लेते
मीठे आम गटककर हम भी
क्यों न सबसे मीठा बोलें।
- कोमलसिंह चौहान, बीड़ (खंडवा)