गुरुवार, 28 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. Poem on flowers

बाल गीत : असली फूल दिखाओ

बाल गीत : असली फूल दिखाओ - Poem on flowers
मां गुड़हल का फूल कहां है,
लाकर मुझे दिखाओ।
चित्रों वाले फूल दिखाकर,
मुझको न बहलाओ।
हमनें बस गेंदा गुलाब के,
देखे फूल असल के।
बाकी तो पुस्तक में देखे,
झूठे और नकल के।
चंपा और चमेली के कुछ,
फूल कहीं से लाओ।
सदा सुहागन, बारह मासी,
नाम सुने हैं मैंने।
आक, धतूरे के, सुनते हैं,
होते फूल सलोने।
किसी गांव में चलकर इनकी,
सुन्दर छबि दिखाओ।
कहते हैं पीला कनेर भी,
होता लोक लुभावन।
पारिजत और फूल ढाक के,
देखूं करता है मन।
इनका कहां ठिकाना है मां,
रास्ता तो बतलाओ।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
ये भी पढ़ें
karva chauth short story : करवा चौथ व्रत की कामना