शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. neem tree

फनी बाल कविता : पेड़ नीम का

neem tree
पेड़ नीम का 
घर के बाहर छाता बनकर,
खड़ा हुआ है एक हकीम सा।
पेड़ नीम का।
 
हवा चली तो डाली पत्ते,
झूमे, छिवा छिवौअल खेले।
सुबह धूप के हरकारों ने,
हर दिन दंड तने पर पेले।
सेवक बनकर दरवाजे पर,
अड़ा हुआ है बली भीम सा।
पेड़ नीम का।
 
चाचा, पापा बड़ी बुआ ने,
यहीं बटोरीं पकी निबौली।
यहीं बैठकर भरी सभी ने,
शुद्ध हवा से अपनी झोली।
देता रहा निरंतर सबको,
खुशी-खुशी से सुख असीम सा।
पेड़ नीम का।
 
गुड़ की लैया, तिल की पट्टी,
यहीं बैठकर सबने खाई।
बात-बात में आपस में ही ,
हुई दोस्ती हुई लड़ाई।
इन सबसे बेखबर खड़ा है,
पढ़े-लिखे अच्छे मुनीम सा।
पेड़ नीम का।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)