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बाल गीत : रखो पकड़कर समय

बाल गीत : रखो पकड़कर समय - hold on time poem
Funny Poem on Kids
चिड़िया बोली,
राम-राम जी।
उठो करो कुछ,
काम धाम जी।
 
सूरज ऊगा कब से तुम,
अब तक न जागे।
इसी बीच में दुनिया गई,
बढ़ मीलों आगे।
ऐसे ही क्या उम्र करोगे,
तुम तमाम जी।
 
सूरज चंदा तारों का,
जीवन अविरल है।
नदी कहां रुकती बहती,
रहती कलकल है।
मिलता श्रम करने से ही तो,
है इनाम जी।
 
एक-एक पल मोती सा,
अनमोल बहुत है।
ज्ञान और विज्ञान सभी,
का ये ही मत है।
रखो पकड़कर समय न छूटे,
अब लगाम जी।

bird poem 
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