सोमवार, 2 दिसंबर 2024
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Written By WD

बारिश आई

बारिश आई -
- नीरज जोशी 'प्रयत्न'

छम-छम करता आया पानी ,
झर-झर करता बहता पानी ।
बिजली चमकी बादल गरजे ,
भीगने को चुन्नू तरसे ।
मम्मी-पापा ने डाँट लगाई ,
चुन्नू को अब आई रुलाई ।
प्रकृति की लीला है छाई ,
चारों ओर हरियाली है आई ।
गली में पानी बह निकला ,
बच्चों का टोला मचल उठा ।
अब तो आया नाव का मौसम ,
माझी और पतवार का मौसम ।
नाव चली भाई नाव चली ,
रिंकू भैया की नाव चली ।
कभी डूबती कभी अटकती ,
कभी सरकती नाव चली ।
हौले-हौले नाव चलाओ ,
वर्ना जल्दी में पछताओ ।
आओ बारिश के मौसम में ,
नाचें-कूदें हँसें हँसाएँ ।
सब बच्चों के साथ बैठकर,
झूमें गाएँ पढ़ें पढ़ाएँ ।