फनी कविता : तिलचट्टे का चिट्ठा
टेलीविज़न देखता हर दिन,आठ आठ घंटे तिलचट्टा।हुई परीक्षा साफ हो गया,इस कारण कक्षा में फट्टा।गुस्से से तिलचट्टेजी का,टीवी से अब है मन खट्टा।टीवी के विरोध में खुद ही,लिखा उन्होंने लंबा चिट्ठा। स्वयं विरोध में खड़े हो गए,सब मित्रों को किया इकट्ठा।बोले कम्प्यूटर उल्लू है,है टीवी उल्लू का पट्ठा।