Shani bhari hai to kya kare: शनि के भारी होने से जातक की जिंदगी के हर क्षेत्र में उसे परेशानी खड़ी होती है। शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्या के साथ ही अन्य कई तरह की समस्याओं से जातक घिर जाता है। जब कुंडली में शनि भारी हो या शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो, तब संकट मोचन हनुमान स्तोत्र, जिसे 'हनुमानाष्टक' भी कहते हैं उसका पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस स्तोत्र को पढ़ने से एक ओर जहां शनि का दुष्प्रभाव शांति होता है वहीं और भी कई तरह के इसके लाभ मिलते हैं। शनि के कष्टों से मुक्ति और संकट मोचन हनुमान स्तोत्र के लाभ-
1. शनि के अशुभ प्रभाव में कमी: शनि की पीड़ा शांत होती है:
हनुमानजी को रुद्रावतार माना जाता है और शनिदेव ने स्वयं हनुमानजी को वचन दिया था कि वे उनके भक्तों को कभी परेशान नहीं करेंगे। स्तोत्र का पाठ करने से शनि का प्रकोप शांत होता है, जिससे साढ़ेसाती और ढैया के दौरान आने वाले मानसिक तनाव, काम में देरी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है। शनि कर्मों के अनुसार फल देते हैं। हनुमान स्तोत्र भक्ति और समर्पण को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति नैतिकता और शुद्ध कर्मों की ओर प्रवृत्त होता है। इससे शनि के कष्ट कम होते हैं, क्योंकि जातक सकारात्मक मार्ग पर चलने लगता है।
2. आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि:
संकट मोचन हनुमान स्तोत्र का शीर्षक ही बताता है कि यह सभी प्रकार के संकटों और भय को हरने वाला है। शनि के कारण उत्पन्न होने वाले अज्ञात भय, बेचैनी और असुरक्षा की भावना दूर होती है। यह स्तोत्र हनुमानजी के अपार बल और साहस का वर्णन करता है। इसके नियमित पाठ से व्यक्ति में आत्मविश्वास और पराक्रम बढ़ता है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना दृढ़ता से कर पाता है।
3. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ:
इस स्तोत्र में हनुमानजी से रोगों को दूर करने की प्रार्थना की गई है। माना जाता है कि शनि के कारण होने वाले लंबी बीमारी या स्वास्थ्य कष्टों में कमी आती है। स्तोत्र के पाठ से मन एकाग्र होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। यह मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, जो शनि की अवधि में बहुत आवश्यक है।
4. कार्यक्षेत्र और जीवन में सफलता:
शनि की दशा में अक्सर कार्यों में अवरोध या रुकावटें आती हैं। हनुमान स्तोत्र का पाठ करने से ये रुकावटें दूर होती हैं और रुके हुए कार्य गति पकड़ते हैं। हनुमानजी को 'विजयी' माना जाता है। स्तोत्र का जाप करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और मुकदमेबाजी या कानूनी मामलों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ती है।
पाठ करने का विशेष समय:
शनिवार: शनिदेव का दिन होने के कारण इस दिन पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
मंगलवार: हनुमानजी का विशेष दिन होने के कारण इस दिन भी पाठ करना उत्तम है।
सूर्यास्त के बाद: शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शाम के समय इस स्तोत्र का पाठ करना अधिक प्रभावी माना जाता है।