हरिद्वार अर्धकुंभ 2027, स्नान तिथियां घोषित, जानिए कब से कब तक चलेगा कुंभ मेला
Kumbh snan, shahi snan: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार में 2027 के अर्द्धकुंभ मेले के 10 स्नान की तिथियां घोषित कर दी हैं। जनवरी से अप्रैल तक चलने वाले इस मेले में पहली बार साधु-संतों के साथ चार शाही अमृत स्नान होंगे।
उत्तराखंड में अर्धकुंभ के लिए लंबे समय से तैयारी चल रही है। इसी श्रृंखला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डामकोठी में 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान बैठक में मौजूद संतों ने कुंभ की तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सराहना भी की जबकि सीएम ने कहा कि अर्धकुंभ के आयोजन में संतों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी संतों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को भव्य और व्यवस्थित बनाया जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि कुंभ मेला भव्य, दिव्य और शानदार होगा। इसके लिए प्रशासनिक तैयारी भी तेज गति से चल रही हैं।
13 जनवरी 2027 मकर संक्रांति से होगी मेले की शुरुआत: मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 जनवरी 2027 को मकर संक्रांति के दिन से मेले की शुरुआत हो जाएगी। जनवरी माह से अप्रैल तक चलने वाले इस महापर्व के लिए पहली बार साधु-संतों के साथ चार अमृत स्नान निर्धारित किए गए हैं। बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार में 2027 अर्धकुंभ मेले के लिए 10 प्रमुख स्नान की तिथियां घोषित की।
चार अमृत स्नान:
1. पहला स्नान: 6 मार्च 2027 को महाशिवरात्रि के दिन पहला अमृत स्नान होगा।
2. दूसरा स्नान: 8 मार्च 2027 को सोमवती/फाल्गुनी अमावस्या के दिन दूसरा स्नान होगा।
3. तीसरा स्नान: 14 अप्रैल 2027 को वैसाखी के अवसर पर तीसरा अमृत स्नान आयोजित किया जाएगा।
4. चौथा स्नान: 20 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा के दिन चौथा अमृत स्नान संपन्न होगा।
प्रमुख पर्व की स्नान तिथियां:
1. मकर संक्रांति का स्नान: 14 जनवरी 2027 को मकर संक्रांति का स्नान होगा।
2. मौनी अमावस्या का स्नान: 6 फरवरी 2027 को मौनी अमावस्या का स्नान होगा।
3. बसंत पंचमी का स्नान: 11 फरवरी 2027 को बसंत पंचमी का स्नान होगा।
4. माघ पूर्णिमा का स्नान: 20 फरवरी 2027 के दिन माघ पूर्णिमा का स्नान होगा।
5. नवसंवत्सर स्नान: 7 अप्रैल को नवसंवत्सर का स्नान भी होगा।
6. रामनवमी स्नान: 15 अप्रैल को रामनवमी का स्नान भी होगा।
उपरोक्त इन सभी तिथियों को लेकर संत समुदाय और अखाड़ों ने भी अपनी सहमति देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है।