Bada Mangal 2023: 16 मई, दूसरा बड़ा मंगल आज, बजरंगबली की कृपा बरसेगी, जानिए पूजा के शुभ संयोग
Mangal of Jyeshtha Month Bajrangbali : ज्येष्ठ माह में जितने भी मंगलवार आते हैं उन्हें बड़ा मंगल कहते हैं। दक्षिण भारत की मान्यता के अनुसार इन में से किसी एक मंगलवार को प्रभु श्रीराम और हनुमानजी का मिलन हुआ था और एक को हनुमानजी का जन्म। ज्येष्ठ माह में चार मंगल रहेंगे। पहला 9 मई को दूसरा 16 मई को, तीसरा 23 मई को और चौथा 30 मई को।
पूजा के शुभ संयोग :
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अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक।
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विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 38 मिनट तक।
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अमृत काल- शाम को 05 बजकर 18 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 52 मिनट तक।
पूजा के शुभ योग:
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सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 06 बजकर 04 मिनट से 08 बजकर 15 मिनट तक।
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प्रीति योग: सुबह से रात्रि 11 बजकर 15 मिनट तक।
मंगलवार के नियम Tuesday Mangalwar Rules:-
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इस दिन लहसुन, प्याज, नॉनवेज, अंडा, नमक, शराब आदि सभी तरह की तामसिक खाद्य पदार्थों का त्याग कर देने चाहिए।
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मंगलवार को उधार लेना और देना अशुभ माना जाता है।
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इस दिन सफेद और काले वस्त्रों का भी त्याग कर दिया जाता है।
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इस दिन किसी का अपमान न करें, क्रोध न करें, अपशब्द न बोलें, ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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आज उत्तर दिशा में दिशाशूल है। यदि यात्रा करना जरूरी हो तो गुड़खाकर ही यात्रा करें।
हनुमान पूजा विधि- Hanuman puja vidhi:-
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प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत हो व्रत का संकल्प लें और पूजा की तैयारी करें।
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नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद हनुमानजी की मूर्ति या चित्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें और आप खुद कुश के आसन पर शुद्ध और पवित्र वस्त्र पहनकर बैठें।
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मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें। इसके बाद धूप, दीप प्रज्वलित करके पूजा प्रारंभ करें।
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हनुमानजी को अनामिका अंगुली से तिलक लगाएं, सिंदूर अर्पित करें, गंध, चंदन आदि लगाएं और फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं।
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अच्छे से पंचोपचार पूजा करने के बाद उन्हें प्रसाद या नैवेद्य (भोग) अर्पित करें। नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है।
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अंत में हनुमानी की आरती उतारें और उनकी आरती करें। उनकी आरती करके नैवेद्य को पुन: उन्हें अर्पित करें और अंत में उसे प्रसाद रूप में सभी को बांट दें।