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यदि निरंतर की हनुमान पूजा तो समझो मिली इन 10 बाधाओं से मुक्ति

यदि निरंतर की हनुमान पूजा तो समझो मिली इन 10 बाधाओं से मुक्ति - Hanuman ji puja
हिन्दू धर्म के सबसे जाग्रत और सर्वशक्तिशाली देवताओं में एकमत्र हनुमानजी की कृपा जिस पर बरसरना शुरू होती है उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। दस दिशाओं और चारों युग में उनका प्रताप है। जो कोई भी व्यक्ति उनसे जुड़ा समझो उसका संकट कटा। प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए। हनुमानजी की भक्ति और हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति खुद को इन 10 तरह की बाधाओं से बचा लेता है। 
 
 
1. सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना...
अर्थ- जो भी आपकी शरण में आते हैं, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।
 
2. भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥
अर्थ : जहां महावीर हनुमानजी का नाम सुनाया जाता है, वहां भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते। जिसे किसी अनजान शक्ति या भूत पिशाच आदि से डर लगता है वे हनुमानजी का बस नाम ही जपते रहेंगे तो भय‍मुक्त हो जाएंगे।
 
3. नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा॥
अर्थ : वीर हनुमानजी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते हैं और सब पीड़ा मिट जाती है। यदि आपको शरीर में पीड़ा है या आप किसी रोग से ग्रस्त हैं तो आप हनुमान बाहुक का पाठ करें।
 
4. जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहिं बंदि महा सुख होई॥
अर्थ : जो सत (1000) बार हनुमानजी का पाठ पढ़ता है वह सभी तरह के बंधन से छुटकर महासुख पाता है। हनुमानजी 'बंधी छोड़' बाबा है। उनके अलावा कोई अन्य बंदी छोड़ नहीं है। कोर्ट-कचहरी-जेल बंधन से मुक्ति मिलती है।
 
5.कुमति निवार सुमति के संगी।।
अर्थ : बुरी संगत से छुटकारा दिलाकर अच्‍छी संगत में ले आते हैं।
 
6. तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
अर्थ : तुम्हारे मंत्र या नाम के जप को विभीषण ने भी माना है। तुम्हारे नाम को जपने से लंकेश्वर का भी भय मिट गया। आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।
 
7.संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
अर्थ : हर संकट से हनुमानजी छुड़ाते हैं जो उनका मन, कर्म और वचन से ध्यान करता है।
 
8. और मनोरथ जो कोई लावै। सोइ अमित जीवन फल पावै।।
अर्थ : जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करें तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।
 
9. अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥
अर्थ- आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते है।
 
10. तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै॥
अर्थ- आपका भजन करने से श्री राम जी प्राप्त होते है और जन्म जन्मांतर के दुख दूर होते है।
 
इसके अलावा हनुमानजी मारण-सम्मोहन-उच्चाटन, घटना-दुर्घटना, शनि प्रकोप, मंगल दोष आदि से बचाते हैं। कर्ज से मुक्ति दिलाते हैं और तनाव या चिंता हटाते हैं। नौकरी और रोजगार की मनोकामना पूर्ण करते हैं। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन व्रत करने से और इसी दिन हनुमान-पाठ, जप, अनुष्ठान आदि प्रारंभ करने से त्वरित फल प्राप्त होता है।