इस बार भी अमरनाथ यात्रा NSG कमांडो और ड्रोन के साए में चलेगी
NSG Commando in Amarnath Yatra: जम्मू। इस बार की अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) पर हालांकि किसी आतंकी खतरे की बात को अधिकारी स्वीकार नहीं करते हैं, पर बावजूद इसके केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम खुद सुरक्षा प्रबंधों को जांचने के लिए कश्मीर में ही तब तक रहेगी, जब तक यात्रा संपन्न नहीं हो जाती। यात्रा में एनएसजी कमांडो ((NSG Commando) तैनाती होगी।
अप्रत्यक्ष खतरे को निगाह में रखते हुए इस बार भी अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों की सुरक्षा की खातिर एनएसजी कमांडो (NSG Commando) तैनात किए जाएंगे तथा बड़ी संख्या में ड्रोन की सहायता ली जाएगी। 30 जून (जिस दिन हिमलिंग के प्रथम दर्शन की खातिर जम्मू से पहला जत्था रवाना होगा) से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को कश्मीर में डेरा डालने के निर्देश गृहमंत्री द्वारा दिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार अमरनाथ यात्रा के दौरान संभावित आतंकी हमले को देखते हुए केंद्र सरकार ने एनएसजी कमांडो की कई टुकड़ियों को कश्मीर में तैनात करने का फैसला लिया है। श्रीनगर शहर के अलावा दक्षिण कश्मीर में भी इन जवानों को तैनात किया जाएगा। सुरक्षा कारणों से इनकी लोकेशन को गुप्त रखा गया है। फिलहाल ये एनएसजी कमांडों जी-20 की बैठक में शामिल होने वालों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं।
यह सच है कि अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित संपन्न करवाने के लिए सुरक्षाबलों ने रणनीति तैयार कर ली है। यात्रा मार्ग पर स्थित आधार शिविरों के अलावा 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मल्टी टीयर सुरक्षा बंदोबस्त रहेंगे। सुरक्षा के पहले घेरे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब), सशस्त्र सीमा बल, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवान तैनात रहेंगे और सेना के जवान बाहरी सुरक्षा घेरे को मजबूती प्रदान करेंगे।
इस वर्ष अमरनाथ यात्रियों के वाहनों पर नजर रखने के लिए उन्हें जीपीएस तथा आरएफआईडी तकनीक से लैस किया जा रहा है। केरिपुब के जवान जीपीएस तकनीक का संचालन करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग तथा आधार शिविरों पर शरारती तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सैकड़ों ड्रोन की मदद ली जाएगी।
दूसरे घेरे में राज्य पुलिस जबकि तीसरे में सेना के जवान तैनात रहेंगे।
आतंकी हमले या फिर आपदा के दौरान सेना के जवान तीसरे घेरे से निकलकर सुरक्षा के पहले घेरे की कमान संभाल लेंगे। इस वर्ष आतंकी हमले के खतरे को गंभीरता से लेते हुए अमरनाथ यात्रा के दौरान 60 हजार पुलिसकर्मियों समेत लाखों अर्द्धसैनिक बल तथा सेना के जवान तैनात होंगे।
Edited by: Ravindra Gupta