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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : सोमवार, 6 फ़रवरी 2023 (22:57 IST)

कश्मीर में सरकारी जमीनों पर कब्जा, पथराव करने पर 8 गिरफ्तार, 'बाबा का बुल्डोजर' मचा रहा है तबाही

कश्मीर में सरकारी जमीनों पर कब्जा, पथराव करने पर 8 गिरफ्तार, 'बाबा का बुल्डोजर' मचा रहा है तबाही - occupation of government land in kashmir
जम्मू। प्रशासन ने कश्मीर में सरकारी जमीनों पर कब्जे करने वालों की जो दूसरी सूची जारी की है, वह हैरान कर देने वाली है। इस सूची के मुताबिक श्रीनगर में न सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुक अब्दुल्ला का नाम है बल्कि जम्मू-कश्मीर बैंक की कई ब्रांचें और यहां तक कि श्रीनगर की पूरी रेडियो कॉलोनी भी सरकारी कब्जे वाली जमीन पर स्थापित की गई है। इसी सूची के मुताबिक सोनमर्ग और गग्नगीर इलाके में तो 28 होटलें भी ऐसी ही भूमि पर बनी हैं।
 
इस बीच पुलिस ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह यहां एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान पथराव के सिलसिले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 4 को हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि शनिवार को नरवाल बायपास इलाके के मलिक बाजार में अतिक्रमण की जमीन पर बने वाहन शोरूम को गिराने के अभियान के दौरान हुए पथराव में 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में शोरूम का मालिक सज्जाद अहमद बेग भी शामिल है।
 
जानकारी के लिए पिछले कुछ दिनों से पूरे जम्मू-कश्मीर में 'बाबा का बुल्डोजर' तबाही मचा रहा है और लाखों वे लोग त्राहिमाम्-त्राहिमाम् कर रहे हैं जिन्होंने सरकारी जमीनों पर कब्जा कर या तो उन पर व्यावसायिक इमारतें खड़ी कर दी हैं या फिर आशियाने बना लिए हुए हैं।
 
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पूरे जम्मू-कश्मीर में अभी तक 5 लाख कनाल से अधिक की भूमि अतिक्रमण से मुक्त करवाई जा चुकी है। हजारों घरों और दुकानों को जमींदोज कर दिया गया है। हालांकि प्रशासन और उपराज्यपाल बार-बार यह कह रहे हैं कि 5 से लेकर 15 मरले तक के अतिक्रमणकारियों को छेड़ा नहीं जाएगा, पर बाबा का बुलडोजर बिना किसी नाप के सब कुछ मिट्टी में मिलाता जा रहा है।
 
ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ कश्मीर में ही लाखों कनाल भूमि पर नेताओं, पुलिस अफसरों और अन्य लोगों ने कब्जा किया हो बल्कि जम्मू संभाग, यहां तक कि जम्मू जिले में भी ऐसे सैकड़ों मामले हैं। जम्मू जिले के मामलों में खास बात यह है कि इनमें भाजपा के कई नेता भी शामिल हैं जिनके कब्जे से सरकारी जमीन को मुक्त करवाया गया है, पर उनके नामों पर इतना शोर नहीं मचा है।
 
Edited by: Ravindra Gupta
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