श्री जी मैं थाने पूजन आयो
॥ भजन ॥
श्री जी मैं थाने पूजन आयो, मेरी अरज सुनो दीनानाथ!श्री जी, मैं थाने पूजन आयो॥1॥जल चन्दन अक्षत शुभ लेके, तामें पुष्प मिलायो।श्री जी, मैं थाने पूजन आयो॥2॥चरु अरु दीप धूप फल लेकर, सुन्दर अर्घ बनायो।श्री जी, मैं थाने पूजन आयो॥3॥आठ पहर की साठ जु घड़ियाँ, शान्ति शरण तोरी आयो।श्री जी, मैं थाने पूजन आयो॥4॥अर्घ बनाय गाय गुणमाला, तेरे चरणन शीश झुकायो।श्री जी, मैं थाने पूजन आयो॥5॥मुझ सेवक की अर्ज यही है, जामन मरण मिटावो।मेरा आवागमन छुटावो॥श्री जी, मैं थाने पूजन आयो॥6॥