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Last Updated : मंगलवार, 23 जून 2015 (15:48 IST)

ऑनलाइन खरीदारी, जरा संभल के

ऑनलाइन खरीदारी, जरा संभल के - Online shopping, Website, forgery, e-commerce website
पिछले सालों में इंटरनेट के प्रसार के साथ ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड भी खूब प्रचलित हुआ है। सुविधा भी अच्छी है, ना बाजार जाने का झंझट ना ढ़ेर सारे कपड़े देखने का झंझट। बस आपको ऑनलाइन साइट पर जाना है और अपने पसंद की वस्तु का नाम टाइप करना है उसके कई प्रकार आपकी आंखों के सामने होंगे।
बस जरूरत है तो पसंद करने की, तो पसंद कर लीजिए और ले आइए घर। कितना सहज है ना ये सब। पैसे भी आपको तभी देने हैं जब ये सामान आपके घर पहुंच जाएं, इसे कैश ऑन डिलिवरी कहते हैं। 
 
लेकिन इस तरह सामान मंगवाना क्या वास्तव में सही है? कई लोगों के मुताबिक ये तो बहुत ही बढ़िया है। लेकिन हाल ही में इस संबंध में लोगों की शिकायतें भी खूब सुनने को आई हैं। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन लैपटॉप मंगाया था, लेकिन जब उन्होंने घर पर उसे खोल कर देखा तो उसमें ईंट भरी थी।
 
इस तरह के संगीन बाते ऑनलाइन शॉपिंग पर सवालिया निशान लगा देती हैं, जिससे कि इसकी विश्ववसनीयता खतरे में पड़ती दिखती है। हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब इन वेबसाइट्स का धोखाधड़ी का मामला सामने आया हो।
 
इसके पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं और रोज आते रहते हैं। अभी हाल ही में एक चर्चित ई-कॉमर्श साइट ने एक सैंडिल को ब्रिकी के लिए अपनी साइट पर दिया हुआ था। उसमें 50 प्रतिशत डिस्काउंट भी दिखाया गया था। लेकिन जब एक यूजर ने उस फोटो को जूम किया तो पता चला कि साइट द्वारा डिस्काउंट देकर लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है क्योंकि सैंडल का असल मूल्य तो वही था जो जूते में दिया हुआ था। 
 
इसके अलावा एक और मामला पिछले दिनों खबरों में छाया हुआ था जिसमें एक जूता दिखाया गया था उसमें मिट्टी लगी हुई थी। दरअसल एक व्यक्ति ने ई-कॉमर्श साइट के माध्यम से जूते ऑर्डर किए थे। लेकिन जब उसने घर में अपने जूतों की पैकिंग खोली तो नए जूतों के सोल में मिट्टी लगी हुई थी।
 
अब आप कैसे मान सकते हैं कि नए जूतों के सोल में मिट्टी लगी हो सकती है। इससे साफ जाहिर होता है कि उन जूतों को पहले भी इस्तेमाल किया जा चुका था।
 
ऑनलाइन वर्ल्ड में धोखाधड़ी सिर्फ इन वेबसाइट्स तक ही सीमित नहीं है बल्कि कई भ्रामक विज्ञापन भी लोगों को इस धोखाधड़ी के जाल में ढकेलने का काम करते हैं। हाल ही में गूगल में एक स्पैम वाला एड खूब चर्चित हुआ था।
 
इस स्पैम में एक संदेश लिखा हुआ था कि गूगल द्वारा कराए जा रहे इस सर्वे में भाग लेकर आप 50,000 रुपए का निश्चित इनाम जीत सकते हैं। इसके लिए लोगों की निजी जानकारी मांगी गई थी जैसे बैंक अकाउंट आदि। 
 
इस तरह के पेजों में लोग पैसे पाने की चाह में अपनी जानकारी भर देते हैं और बाद में पता चलता है कि हजारों रुपए उनके एकाउंट से गायब हो गए। स्पैम को विश्वसनीय बनाने के लिए ये शातिर लोग तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं।  
 
इन मामलों की शिकायत कितने लोग करते होंगे, शायद बहुत लोग करते भी हों, लेकिन कितनों को न्याय मिलता होगा? यह भी महत्वपूर्ण सवाल है।  
 
इस तरह के सवाल बहुत महत्वपूर्ण उन लोगों के लिए हैं जिन्होंने ऑनलाइन खरीदारी को बहुत साफ-सुथरा मान लिया है। 
 
ऑनलाइन खरीदारी के प्रति लोगों को इससे होने वाले घाटों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। वरना इस तरह की घटनाओं का अगला निशाना आप हो सकते हैं, फिर आप यही कहेंगे आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है।