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Written By ND

जिंदगी का हि‍स्‍सा है सोशल नेटवर्किंग

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सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर रजिस्टर होना आजकल आम बात हो गई है। इतनी आम कि अब खास लोगों को भी इससे जुड़ने में कोई गुरेज नहीं। जाहिर है कि खास लोगों यानी सेलिब्रिटीज़ के इन साइट्स से जुड़ने के बाद इनकी लोकप्रियता में और भी इजाफा हो गया है। खासकर युवाओं के लिए तो ये अपनी बात कहने तथा दोस्तों से जुड़ने का एक बढ़िया जरिया हो गया है।

फेसबुक, ऑरकुट, नेटलॉग, लिंक्डइन आदि के बाद अब ट्विटर का जमाना है। यह एक 'सोशल नेटवर्किंग माइक्रोब्लॉगिंग' सुविधा है। अर्थात इसपर आप छोटे-छोटे संदेश भेज या पढ़ सकते हैं। इन संदेशों को ट्विट कहा जाता है। इसके लिए आपके पास 140 शब्दों तक की सीमा होती है। जबसे विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर ने ट्विटर पर अपने मन की लघुकथाएँ (शॉर्ट स्टोरीज़) फाइल की तबसे इसका ट्रेंड और भी बढ़ गया।

कानून की पढ़ाई कर रही पूजा भी ट्विटर पर अपने दोस्तों के अलावा अपने क्षेत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ तथा सूचनाएँ पाने में कामयाब होती हैं। मैनेजमेंट के छात्र विवेक रंजन बताते हैं कि ट्विटर में दो महत्वपूर्ण सूत्र होते हैं। फॉलोअर तथा फॉलोइंग। वह व्यक्ति जिसका अकाऊंट पहले से है तथा उसने आपको रिक्वेस्ट भेजी है वह फॉलोअर होता है। तथा उससे जुड़ने वाले फॉलोइंग टर्म के अंतर्गत आते हैं।

ऐसे में किसी के फॉलोअर बनकर आप उसके क्षेत्र तथा उसकी रुचि से जुड़े विषयों के बारे में भी जानकारी पाते हैं। हालाँकि ट्विटर से जुड़ना आम साइट्स की तुलना में थोड़ा सा मुश्किल है लेकिन इसका अपना अनूठा अंदाज़ और फीचर्स हैं जो और कहीं नहीं मिलते। इसलिए सेलिब्रिटीज़ भी इससे जुड़ना पसंद करती है।

आखिर क्या बात है कि युवाओं में यह शगल इतना लोकप्रिय हो रहा है? बायोइन्फॉर्मेशन साइंटिस्ट पूर्वा कुलकर्णी कहती हैं- 'कम से कम शब्दों में अपनी बात या मैसेज को लोगों तक पहुँचाने के लिए ट्विटर से बढ़कर कुछ भी नहीं। अगर आप काम में व्यस्त रहते हैं तब तो यह आपके लिए शानदार तरीका है, अपनी बात लोगों तक पहुँचाने के लिए। छोटा सा एक संदेश टाइप कर आप अपनी बात कह सकते हैं।

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यह एक तरह का 'शॉर्ट टर्म कन्वरसेशन' है। मैं काफी समय से इससे जुड़ी हूँ और अब तो मेरा इसपर ब्लॉग भी है। मुझे यह अपने दोस्तों और परिचितों तक संदेश भेजने के लिए बहुत सुविधाजनक लगता है। सबसे बड़ी बात यह कि इसमें स्क्रैप जैसे झंझट नहीं होते।'

एक निजी कंपनी में एरिया मैनेजर गौरव अग्निहोत्री भी इसका उपयोग अपने दोस्तों को संदेश भेजने के लिए करते हैं। यूँ वे बहुत सी सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जुड़े हुए हैं लेकिन ट्विटर की बात कुछ अलग है। सबसे बढ़कर इससे उनके लिए यू.एस. में रह रही अपनी बहन से हरपल 'टच' में रहना आसान हो जाता है।

सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल नवीन पांडे तो ट्विटर के कारण विश्व के एक नामी रॉक बैंड 'लिंकिन पार्क' तथा अमिताभ बच्चन से जुड़ चुके हैं। लिंकिन पार्क कैलिफोर्निया में सन्‌ १९९६ में गठित रॉक बैंड है जो अपने एलबम 'हाइब्रिड थ्योरी' के कारण चर्चा में आया। इसके लीड वोकलिस्ट एरिज़ोना के 'चेस्टर बेनिंग्टन' हैं। इस बैंड के सदस्य हमेशा ट्विटर के जरिए नवीन के लगातार संपर्क में रहते हैं और कई बार तो नवीन पहले से ही उनके कार्यक्रम और रूपरेखा के बारे में जान जाते हैं।

सन्‌ 2006 में जैक डॉरसी ने ट्विटर को जन्म दिया तब से ही इसने इन्टरनेट के एसएमएस के तौर पर काफी प्रसिद्धी पा ली थी। इससे जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार यह सोशल नेटवर्किंग सिस्टम होने से ज्यादा एक सूचना देने वाला नेटवर्क है क्योंकि इस पर हर पल छोटे-छोटे ट्विटर के रूप में दुनिया भर में होने वाली ताजा घटनाओं की जानकारी आपके पास पहुँचती है। इसमें आप समाचार, फालतू की बकबक, स्पैम, सेल्फ प्रमोशन, चर्चा या बहस तथा संदेश पहुँचाने जैसे कई काम कर सकते हैं।