हाई टेक होती नकल की अकल
वक्त के साथ बदले हैं नकल के तरीके
कहते हैं नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है, लिहाजा इस मामले में आज के युवा परीक्षार्थी बहुत अक्लमंद हैं। इन्होंने नकल पर अक्ल लगाते हुए नए-नए तरीके खोज निकाले हैं इसलिए परीक्षकों को सचेत हो जाना चाहिए। ये 'हाई टेक' युवा अब तकनीक को भी नकल के मैदान में खींच लाए हैं। ये लोग बच्चों के खेल-खिलौनों से लेकर आधुनिक विज्ञान के यंत्रोपकरणों तक का इस्तेमाल परीक्षाओं में पास होने के लिए कर रहे हैं। यही वजह है कि आजकल देश-विदेश के विद्यार्थी नकल के बड़े खिलाड़ी साबित हो रहे हैं। परीक्षा चाहे किसी स्कूल की हो या किसी कॉलेज की, नकल में नई-नई तकनीकों का जमकर प्रयोग किया जाने लगा। आजकल मोबाइल फोन, पीडीए, कंप्यूटर, स्कैनर, लेजर प्रिंटर आदि जैसे आधुनिक उपकरणों को भी नकल का शक्तिशाली हथियार बनाया जाने लगा है। इनके बलबूते पर अब नकल करना बहुत आसान और 'परंपरागत' तरीकों की तुलना में बहुत सुरक्षित सिद्ध हो रहा है। इसके अलावा विद्यार्थी नकल के और अधिक तरीके सीखने-सिखाने के लिए अब इंटरनेट की भी शरण लेने लगे हैं।कुछ समय पहले जब विभिन्न परीक्षाओं में कैल्क्युलेटर पर प्रतिबंध लगा तो उसकी जगह घड़ियों में लगे कैल्क्युलेटर ने ले ली। इसके बाद मोबाइल पर नकल की परीक्षा शुरू हो गई। नकल के इस नए रंग-ढंग को देखते हुए परीक्षाओं में मोबाइल फोन पर भी रोक लगानी पड़ गई। पर युवा है कि मानता नहीं। परीक्षा कक्ष में न सही, किसी न किसी बहाने बाहर जाकर तो मोबाइल का इस्तेमाल किया ही जा सकता है। मोबाइल में दर्ज सूचनाएँ और सूत्र आदि नकल में बहुत काम आ रहे हैं। तब भी कोई समस्या रह जाए तो भी 'नो टेंशन'। मोबाइल में दुनियाभर का ज्ञान समेटे इंटरनेट की सुविधा भी तो है! नकल के क्षेत्र में अब एक और नया 'महारथी' सामने आ रहा है 'स्पाई फोन'। ब्लू टूथ तकनीक पर काम करने वाले इस यंत्र के दो हिस्से होते हैं। कान में लगने वाला एक छोटा-सा इयर प्लग और कमीज के बटन जितना माइक्रोफोन। लड़कियों या कानों तक लंबे बाल रखने वाले लड़कों के लिए तो यह बहुत फायदेमंद है क्योंकि कानों में घुसा इयर प्लग बालों से ढक जाता है। '
इलेक्ट्रिक पेन' भी नकल में बखूबी इस्तेमाल होने लगा है। वैसे तो यह आवाज रिकॉर्ड करने का यंत्र होता है जिसके कैप में स्पीकर भी होता है लेकिन विद्यार्थी इसका प्रयोग नकल के लिए करते हैं। ये लोग इसमें अपनी संभावित सामग्री रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर बहुत धीमी आवाज में उसके कैप को कान में घुसाकर सुनते हुए परीक्षा में लिखते रहते हैं।इसके अलावा इसके साथ कानों में रूई घुसाकर कान दर्द का बहाना भी बनाया जा सकता है। यह यंत्र परीक्षा कक्ष के बाहर या कहीं दूर रखे मोबाइल से जुड़ा रहता है। इसके जरिए न केवल किसी को फोन ही किया जा सकता है, बल्कि किसी की कॉल भी 'रिसीव' की जा सकती है। नकल करने-कराने वालों के बीच यह बहुत मददगार साबित होता है। प्रश्न पत्र सामने रखकर पढ़ने वाले अंदाज में बुदबुदाते हुए अपने साथी को प्रश्न बता दीजिए। बस वहाँ से जवाब मिलते ही लिखना शुरू कर दीजिए।