Gautam Gambhir on KKR Fair Play Award, Hug with Virat Kohli Ashwin YT Channel : गौतम गंभीर भले ही अपने आक्रामक और गुस्सैल स्वभाव के लिए जाने जाते हों लेकिन उनकी कप्तानी या मार्गदर्शन में जो भी टीम होती है वो हमेशा अच्छा ही करती है, गौतम गंभीर ने कोलकाता नाइट राइडर्स को अपनी कप्तानी में 2012 और 2014 में ट्रॉफी दिलाई थी, इस साल उन्होंने इसी टीम में मेंटोर के रूप में वापसी की और देखिए कोलकाता नाइट राइडर्स ने लीग मैचों में टॉप पर रहते हुए IPL Playoffs में क्वालीफाई किया।
इस से पहले वे लखनऊ सुपर जाइंट्स के मेंटर थे और उस टीम ने भी लगातार दो बार प्लेऑफ में क्वालीफाई किया था। टीमें इनकी मौजूदगी में भले ही टेबल के ऊपर होती हैं लेकिन फेयर प्ले अवार्ड में वे इनके आक्रामक स्वभाव के कारन अक्सर निचे ही दिखाई देती हैं। फेयरप्ले अवॉर्ड (Fair Play Award) अच्छा व्यवहार करने वाली टीम को दिया जाता है पिछले साल लखनऊ 9वें नंबर पर थी और इस साल कोलकाता 9वें स्थान पर है।
गौतम भले ही कम हँसते हों लेकिन उन्होंने आश्विन के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए ऐसी बातें कहीं जिसे सुन किसी भी क्रिकेट फैन के चेहरे पर हंसी आ ही जाएगी।
जब गंभीर रविचंद्रन अश्विन के YouTube chat show Kutti Stories with Ash पर बात कर रहे थे, तो चर्चा लोकप्रियता प्रतियोगिता (popularity contests) जीतने की तुलना में ट्रॉफी जीतने पर केंद्रित थी।
गंभीर ने अश्विन से पूछा, “आईपीएल सीज़न के अंत में, आपके हाथ में आईपीएल ट्रॉफी होगी। क्या आप इसे पसंद करेंगे या आप एक लोकप्रिय क्रिकेट खिलाड़ी होना पसंद करेंगे और आपके पास वह ट्रॉफी नहीं होगी?”
अश्विन ने उत्तर दिया, "मुझे फेयरप्ले पुरस्कार नहीं चाहिए।
गंभीर ने आगे कहा, कुछ दिन पहले किसी में मुझे मैसेज भेजा. कोलकाता इस समय जहां है, वहीं है. मैंने कहा हां. टॉप पर. 'फेयर प्ले में'?' मैंने कहा नंबर 10. 'क्या कोई ट्रॉफी है?' मैंने कहा, नहीं.
गंभीर ने आगे कहा- मुझे अभी भी समझ नहीं आया. पिछले पांच मैचों में हमनें क्या गलत किया है? शायद ऐसा इसलिए क्योंकि मैं डगआउट में बैठा था"
आश्विन ने आगे स्कूली सिस्टम का अच्छे व्यहवार के लिए मेरिट सिस्टम का उदाहरण देते हुए कहा "मुझे यकीन है कि जब हम स्कूल जाते थे तो आपने ये देखा होगा कि कैसे क्लास में पसंदीदा बच्चों को प्रोत्साहन कार्ड मिलते थे. मेरिट कार्ड की तरह अच्छे व्यवहार वाले कार्ड मिलते थे"
गंभीर ने इसपर एक मजाकिया जवाब देते हुए कहा "दुर्भाग्य से, तब भी मैं बैक बेंचर था. मुझे आखिरी बेंच पर बैठाया जाता था. ये मेरे साथ तब से चल रहा है जब मैं छोटा था और ये जारी है"
Fair Play Award चाहिए तो कृपया मुझसे दूर रहे
गौतम गंभीर का मानना है कि जब तक वे किसी टीम के साथ है उसे फेयर प्ले अवार्ड नसीब नहीं हो सकता, उन्होंने इसपर कहा
फेयरप्ले अवॉर्ड के लिए जब किसी भी फ्रेंचाइजी के साथ होता हूं, तो हम या तो 9वें या 10वें स्थान पर होते हैं. पिछले साल लखनऊ सुपर जायंट्स 9वें नंबर पर थी और इस बार केकेआर अभी 10वें स्थान पर है. इसलिए अगर आपको फेयरप्ले अवॉर्ड चाहिए, तो मुझसे दूर रहें
विराट कोहली के साथ अपने गले मिलने के बारे में बोलते हुए उन्होंने मजाक में कहा कि उन्होंने कैसे सोचा था कि इसके बाद केकेआर फेयर प्ले अवार्ड में शीर्ष पर रहेगी
ईमानदारी से, मैं आपको बताऊंगा, इस साल, मैंने सोचा था कि चिन्नास्वामी में जो हुआ उसके कारण हम फेयर प्ले अवार्ड तालिका में शीर्ष पर होंगे। कोई बराबरी की प्रतिस्पर्धा नहीं है, भले ही हम अंक तालिका में कहीं भी हों, लेकिन हमें निष्पक्ष खेल पुरस्कार (IPL Fair Play Award) में शीर्ष पर रहना है लेकिन फिर भी, हम सबसे नीचे हैं।”