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Written By भाषा

चोट करियर के लिए खतरा नही: कामरान

चोट करियर के लिए खतरा नही: कामरान -
घुटने की चोट और संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के कारण इंडियन प्रीमियर लीग के बाकी मैचों से बाहर हुए राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज कामरान खान ने अपने करियर पर किसी तरह के खतरे को खारिज करते हुए उम्मीद जताई है कि े जल्दी ही मैदान पर लौटेंगे।

कामरान ने स्वदेश लौटने के बाद एक मुलाकात में कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस चोट से मेरे करियर को खतरा है। मुझे जॉन ग्लॉस्टर ने दो महीने बिलकुल आराम करने के लिए कहा है। उसके बाद वे मेरी फिटनेस की समीक्षा करके सलाह देंगे।

अपने गेंदबाजी एक्शन की शिकायत के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। मैं चोट की वजह से भारत लौटा हूँ और फिलहाल पूरा ध्यान फिटनेस पर है।

चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ आईपीएल के मैच में चोटिल होने से पहले पाँच मैचों में छह विकेट ले चुके कामरान ने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ सुपर ओवर फेंककर सुर्खियाँ बँटोरी थीं।

कप्तान शेन वॉर्न के 'टोरनैडो' ने बताया कि चोट के बाद वे डिप्रेशन में चले गए थे, जिससे ऑस्ट्रेलिया के इस महान लेग स्पिनर ने उन्हें निकाला। उन्होंने कहा वॉर्न ने मुझे समझाया कि चोट खिलाड़ी के करियर का हिस्सा है और इससे उबरकर वापसी में वे मेरी मदद करेंगे। इसी से मेरा आत्मविश्वास लौटा।

उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में टीम के साथ यात्रा के कारण उन्हें आराम नहीं मिल पा रहा था, लिहाजा उन्होंने खुद लौटने का फैसला किया। कामरान ने कहा जॉन ने मुझे रोजाना दो घंटे तैराकी करने को कहा है। मैं अपने गाँव जाकर उनके रूटीन पर अमल करूँगा। उनके भारत लौटने के बाद पता चलेगा कि जख्म कितना भरा है।

यह पूछने पर कि इतने बड़े स्तर पर क्रिकेट खेलने का दबाव क्या वे नहीं झेल पाए? उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के इस 18 वर्षीय गेंदबाज ने कहा मैंने कभी सोचा नहीं था कि इतनी जल्दी इस स्तर पर खेलूँगा, लेकिन मुझे यकीन था कि जब भी मौका मिलेगा मैं दबाव को कभी हावी नहीं होने दूँगा और होने भी नहीं दिया है।

उन्होंने बताया दो साल पहले गाँव में हुई दुर्घटना में मेरे घुटने पर चोट लगी थी। उस समय घरेलू उपचारों से ही काम चला लिया लेकिन दक्षिण अफ्रीका में चोट लगने के बाद अल्ट्रासाउंड में पता चला कि पुराना जख्म पूरी तरह भरा नहीं था। उसी पर दोबारा चोट लग गई।

वॉर्न और ग्रीम स्मिथ जैसे बड़े क्रिकेटरों के साथ ड्रेसिंग रूम बाँटने वाले कामरान ने बताया कि ड्रेसिंग रूम का माहौल हमेशा जीवंत बना रहता था और हारने के बाद भी कभी तनाव नहीं देखा गया।

उन्होंने कहा मेरे जैसे कई खिलाड़ी पहली बार विदेश गए थे और इतने बड़े क्रिकेटरों को देख रहे थे लेकिन किसी ने हमें अलग नहीं समझा। वॉर्न खुद माहौल को खुशनुमा बनाए रखते थे।