Last Modified: नई दिल्ली ,
बुधवार, 27 अप्रैल 2011 (17:01 IST)
जिगरी दोस्तों और भाईयों में होगी जंग
क्रिकेट का मैदान हो या मैदान से बाहर की दुनिया, इन दोनों जिगरी दोस्तों का आपसी तालमेल देखते ही बनता है लेकिन पहली बार दोनों एक दूसरे के खिलाफ खड़े होने वाले हैं और इसका गवाह बनेगा वह फिरोजशाह कोटला मैदान जहां से इन दोनों ने अपनी क्रिकेट यात्रा शुरू की थी।
हम बात कर रहे हैं कि वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की जो भारत की सबसे सफल सलामी जोड़ी है। भारत की तरफ से 63 टेस्ट पारियों में दस शतकीय साझेदारियों की मदद से 3551 रन साथ में बनाने वाले सहवाग और गंभीर एक दूसरे की तारीफ करने में कभी थकते नहीं हैं। सहवाग की नजर में गंभीर ‘ सुनील गावस्कर के बाद सर्वश्रेष्ठ भारतीय सलामी बल्लेबाज है,’ तो बकौल गंभीर ‘ जब आपका सबसे करीबी दोस्त दूसरे छोर पर हो तो बहुत मदद मिलती है।’ लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग में गुरुवार को जब दिल्ली डेयरडेविल्स और कोलकाता नाइटराइडर्स आमने सामने होंगे तो इस ट्वेंटी 20 टूर्नामेंट के दौरान ‘दोस्तों के दुश्मन’ बनने की कड़ी में सहवाग और गंभीर का नाम भी शामिल हो जाएगा।
सहवाग आईपीएल के पिछले तीन सत्र की तरह दिल्ली डेयरडेविल्स से ही जुड़े हुए हैं और इस टीम की कमान भी उन्हीं के हाथों में है। गंभीर ने हालांकि पाला बदल दिया है और इस बार वह नाइटराइडर्स के कप्तान हैं। इन दोनों दोस्तों के अलावा इस मैच में पठान बंधु इरफान और यूसुफ भी आमने सामने होंगे।
इस मैच में सहवाग की टीम पर जहां थकान को काबू में रखकर जीत की लय पकड़ने की चुनौती होगी, वहीं गंभीर की टीम भी फिर से जीत की राह पर लौटने के लिए बेताब है, इसलिए मुकाबला रोमांचक रहने की संभावना है।
डेयरडेविल्स ने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ जीत दर्ज करके अच्छी वापसी की थी लेकिन अपने पिछले मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से पराजित होने से उसके समीकरण फिर से बिगड़ गए हैं और आगे किसी तरह के अगर मगर से बचने के लिए उसे अब हर हाल में जीत की लय पकड़नी होगी।
कभी अपने धीमेपन के लिए बदनाम रही कोटला की पिच का मिजाज भी बदला बदला सा लग रहा है और अब उसमें तेजी व उछाल दिख रही है। इससे वह रन उगलने लग गई है। डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैच में यहाँ 433 रन बने लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ सहवाग और डेविड वॉर्नर का बल्ला नहीं चला जिससे टीम छह विकेट पर 160 रन ही बना पाई। आरसीबी के बल्लेबाजों ने हालांकि पिच से मिल रही मदद का पूरा फायदा उठाया।
जहां तक टीमों का सवाल है तो अब लग रहा है कि कोटला पर जिसके गेंदबाज थोड़ा अनुशासित प्रदर्शन करेंगे उसकी जीत की संभावना बढ़ जाएगी। डेयरडेविल्स के लिए अच्छी बात है कि सहवाग और वॉर्नर की उसकी विस्फोटक सलामी जोड़ी अच्छी फॉर्म में है। वेणुगोपाल राव मध्यक्रम में विश्वसनीय साबित हो रहे हैं जबकि उनकी मदद के लिए एरोन फिंच, जेम्स होप्स और नमन ओझा जैसे बल्लेबाज हैं।
दिल्ली को अब भी एक अदद स्पिनर की कमी खल रही है। उसके पास कोई भी विश्वस्तरीय स्पिनर नहीं है और शायद यही वजह है कि सहवाग ने ऐसी पिच तैयार करने के निर्देश दिए, जिसमें तेजी और उछाल हो।
कोलकाता की टीम पांच दिन के विश्राम के बाद यह मैच खेलेगी। सहवाग की टीम पर जहां थकान हावी हो सकती है वहीं गंभीर की टीम तरोताजा होकर मैदान पर उतरेगी। जैक कैलिस, गंभीर, यूसुफ पठान, ब्रैड हैडिन, इयॉन मोर्गन, मनोज तिवारी आदि की उपस्थिति में कोलकाता का बल्लेबाजी क्रम मजबूत दिख रहा है।
यही नहीं टीम के पास साकिब अल हसन, रजत भाटिया और इकबाल अब्दुल्ला जैसे आलराउंडर भी हैं, जिससे गंभीर के पास सहवाग की तुलना में अधिक विकल्प रहेंगे, लेकिन पिछले दो मैच में उनकी टीम अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करने में नाकाम रही। कोच्चि टस्कर्स केरल के खिलाफ उसके बल्लेबाजों की नाकामी साफ दिखी। तब टीम 133 रन का आसान लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पाई थी।
इसके बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ उसके गेंदबाज 171 रन के मजबूत स्कोर का बचाव नहीं कर पाए थे। तब हालांकि क्रिस गेल ने तूफानी शतक ठोका था जिन्होंने नाइटराइडर्स के आक्रमण की कमजोरियां उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। सहवाग और उनके साथी बल्लेबाज भी गंभीर की टीम की इसी कमजोरी पर प्रहार करने की कोशिश करेंगे। (भाषा)