Last Modified: वॉशिंगटन ,
मंगलवार, 20 मार्च 2012 (10:31 IST)
आईएसआई के समानांतर जासूसी एजेंसी चाहते थे पेनेटा
पाकिस्तान के एक प्रख्यात लेखक ने खुलासा किया है कि सीआईए के प्रमुख रहने के दौरान लियोन पेनेटा ने पाकिस्तान के अंदर वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई से छिपकर एक समानांतर जासूसी संस्था बनाने का प्रयास किया था।
अपनी नवीनतम किताब 'पाकिस्तान ऑन द ब्रिंक: द फ्यूचर ऑफ अमेरिका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान' में चर्चित पाकिस्तानी लेखक अहमद राशिद ने कहा कि तत्कालीन सीआईए के प्रमुख पेनेटा ने सितंबर 2009 के बाद इसका सुझाव दिया था। उस समय व्हाइट हाउस विकल्पों का लंबा आकलन कर रहा था।
राशिद ने कहा कि सितंबर 2009 की शुरुआत में कई सप्ताह तक ओबामा ने विकल्पों का लंबा आकलन किया था। सेना चाहती थी कि ओबामा केवल तीन विकल्पों 10 हजार प्रशिक्षक भेजने, 40 सैनिक भेजने या आठ हजार सैनिक भेजने पर विचार करें।
उन्होंने कहा कि सीआईए के निदेशक पेनेटा ने इसके बजाय पाकिस्तान के अंदर गुप्त आतंकवाद निरोधी अभियान चलाने की एक सूची दी थी।
राशिद ने कहा कि पेनेटा की इस सूची में ड्रोन हमले तेज करना, सीआईए के एजेंटों की संख्या बढ़ाना और एक समानांतर खुफिया एजेंसी का गठन करना आदि शामिल था जिसकी जानकारी आईएसआई को भी नहीं हो।
पाकिस्तानी लेखक ने कहा कि सीआईए के सुझावों को स्वीकार कर लिया गया लेकिन जल्द ही उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंध तोड़ लिए।
तालिबान जैसी बेहद लोकप्रिय किताब लिखने वाले राशिद ने पकिस्तान के अंदर इस तरह की समानांतर अमेरिकी खुफिया एजेंसी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी लेकिन कहा कि वर्ष 2011 के बाद सीआईए की भूमिका देश में कई गुना बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में सीआईए 30 प्रिडेटर और रेपेर ड्रोन संचालित कर रही थी, फाटा के अंदर पाकिस्तानी एजेंटों का नेटवर्क चला रही थी जो उन्हें सूचना देते हैं। (भाषा)