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Last Updated : सोमवार, 7 अप्रैल 2025 (21:56 IST)

टैरिफ का टेरर, धराशाही हुए दुनियाभर के शेयर बाजार, चीन ने बताया आर्थिक धौंस, ट्रंप बोले- फैसला वापस नहीं लूंगा

ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि ग्लोबल मार्केट में भारी गिरावट के बावजूद अमेरिका में कोई महंगाई नहीं है।

Tariffs
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति के तहत सभी देशों पर 10 प्रतिशत का बेस टैरिफ लगाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए जबरदस्त टैरिफ और चीन की तीखी जवाबी कार्रवाई ने पूरी दुनिया के स्टॉक मार्केट को हिलाकर रख दिया। चीन ने अमेरिका से आने वाले सभी सामानों पर 34 फीसदी का टैक्स लगाने का ऐलान कर दिया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन को धमकी भी दी है कि वह 8 अप्रैल तक 34 प्रतिशत टैरिफ वापस ले वरना 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। 

चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका शुल्क (टैरिफ) लगाने के साथ मनमानी कर रहा है तथा आर्थिक धौंस दिखा रहा है। उसने टेस्ला समेत अमेरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों को टैरिफ मामले के हल के लिए ठोस कदम उठाने को कहा।चीन और अन्य सरकारों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की। चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत टैरिफ दर की घोषणा की।
क्या कहा डोनाल्ड ट्रंप 
अमेरिका में कोई महंगाई नहीं ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि ग्लोबल मार्केट में भारी गिरावट के बावजूद अमेरिका में कोई महंगाई नहीं है। उन्होंने पिछले अमेरिकी नेताओं पर आरोप लगाया कि उनकी गलत नीतियों की वजह से चीन जैसे देशों को अमेरिका का फायदा उठाने का मौका मिला।
दुनिया भर के बाजारों में जारी गिरावट पर बोलते हुए ट्रम्प ने कहा कि तेल की कीमतें कम हो गई हैं, ब्याज दरें घट गई हैं, फूड प्रोडक्ट की कीमतें घट गई है, कोई महंगाई नहीं है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि चीन उनकी चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए अमेरिका के खिलाफ टैरिफ में 34% वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि पहले से लागू टैरिफ से अमेरिका को हर हफ्ते अरबों डॉलर का राजस्व मिल रहा है।

 रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प किसी भी देश पर रेसिप्रोकल टैरिफ को नहीं रोकेंगे। व्हाइट हाउस ने उन सभी खबरों को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि ट्रम्प चीन को छोड़कर सभी देशों पर 90 दिनों तक रेसिप्रोकल टैरिफ रोकने पर विचार कर रहे हैं। 
क्या कहा चीन ने 
विदेश मामलों के प्रवक्ता लिन जियान ने संवाददाताओं से कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों पर अमेरिका को प्राथमिकता देने से वैश्विक उत्पादन और आपूर्ति शृंखला की स्थिरता को नुकसान पहुंचता है और दुनिया की आर्थिक सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
पिछले हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया, जो फरवरी और मार्च में पहले से घोषित 10 प्रतिशत टैरिफ के अतिरिक्त है।  सोमवार को बीजिंग ने आत्मविश्वास का संदेश दिया, जबकि हांगकांग और शंघाई के बाजार गिरे हुए थे।
 
कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक मुखपत्र ‘पीपुल्स डेली’ ने कड़े शब्दों में विचार व्यक्त किए। उसने कहा कि आसमान नहीं गिरेगा, भले ही अमेरिकी टैरिफ का असर हो। उसने लिखा कि अमेरिकी करों के अंधाधुंध प्रकोप के बावजूद हम जानते हैं कि हम क्या कर रहे हैं और हमारे पास साधन हैं।
अब मुलाकात पर नजर
यह अभी पता नहीं चला है कि क्या चीन के नेता शी जिनपिंग टैरिफ पर बातचीत के लिए ट्रंप से मुलाकात करेंगे। लिन ने संभावित मुलाकात को लेकर पूछे गए सवालों पर कहा कि इसका जवाब अन्य विभाग देंगे। हालांकि चीन के कुछ अधिकारियों ने सप्ताहांत में टेस्ला, जीई हेल्थकेयर और अन्य समेत अमेरिकी कारोबारी प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उप वाणिज्य मंत्री लिंग जी ने 20 अमेरिकी कंपनियों के साथ बैठक में कहा कि शुल्क समस्या की जड़ अमेरिका में है। इनपुट एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma