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Last Updated : शुक्रवार, 13 अगस्त 2021 (22:39 IST)

तालिबान का 17 प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा, काबुल सिर्फ 50 किलोमीटर दूर

तालिबान का 17 प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा, काबुल सिर्फ 50 किलोमीटर दूर - Taliban capture the capitals of 17 provinces
काबुल। अफगानिस्तान में दो दशक से जारी जंग से अमेरिकी और नाटो बलों की औपचारिक रूप से वापसी के महज कुछ सप्ताह पहले तालिबान ने शुक्रवार को 4 और प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा करते हुए देश के समूचे दक्षिणी भाग पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया और धीरे-धीरे काबुल की तरफ बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि काबुल से महज 50 किलोमीटर दूर रह गया है तालिबान।

दूसरी ओर, तालिबान ने दक्षिणी सूबे हेलमंद को पर भी कब्जा कर लिया, जिसे ब्रिटिश सेना बचाने की कोशिश करती रही थी। तालिबान ने हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह पर कब्जा कर लिया है। अफीम के बड़े केंद्र हेलमंद की प्रांतीय राजधानी लश्करगाह अफगानिस्तान सरकार के हाथों से फिसल गई है। लगभग दो दशक के युद्ध के दौरान यहां सैकड़ों की संख्या में विदेशी सैनिक मारे गए थे।

तालिबान लड़ाकों ने 34 प्रांतों में से हाल के दिनों में एक दर्जन से अधिक प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। यह संख्या 17 बताई जा रही है। ऐसे में जब अमेरिका कुछ सप्ताह बाद अपने आखिरी सैनिकों को वापस बुलाने वाला है तालिबान ने देश के दो-तिहाई से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।

हालांकि काबुल अभी सीधे तौर पर खतरे में नहीं है, लेकिन अन्य जगहों पर नुकसान और लड़ाइयों ने तालिबान की पकड़ को और मजबूत कर दिया है। नवीनतम अमेरिकी सैन्य खुफिया आकलन से पता चलता है कि काबुल 30 दिनों के भीतर विद्रोहियों के दबाव में आ सकता है और अगर मौजूदा रुख जारी रहा तो तालिबान कुछ महीनों के भीतर देश पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर सकता है। यदि तालिबान यही गति बनाए रखता है तो अफगान सरकार को आने वाले दिनों में पीछे हटने और राजधानी और केवल कुछ अन्य शहरों की रक्षा के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

चरमपंथी समूह ने दक्षिण में हेलमंद के अलावा उरुजगान और जाबुल प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। हेलमंद में प्रांतीय परिषद के प्रमुख अताउल्लाह अफगान का कहना है कि तालिबान ने भारी लड़ाई के बाद प्रांतीय राजधानी लश्करगाह पर कब्जा कर लिया और सरकारी प्रतिष्ठानों पर अपना सफेद झंडा फहरा दिया है। उन्होंने कहा कि लश्करगाह के बाहर स्थित राष्ट्रीय सेना के तीन ठिकाने सरकार के नियंत्रण में हैं।

जाबुल प्रांत में प्रांतीय परिषद के प्रमुख अत्ता जान हकबायन ने कहा कि राजधानी कलात तालिबान के नियंत्रण में चली गई है और अधिकारी पास के एक सैन्य शिविर में हैं और वे वहां से निकलने की तैयारी कर रहे हैं।

अफगानिस्तान के दक्षिणी उरुजगन प्रांत के दो जनप्रतिनिधियों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों ने प्रांतीय राजधानी तिरिन कोट को तेजी से आगे बढ़ रहे तालिबान के हवाले कर दिया है। बिस्मिल्लाह जान मोहम्मद और कुदरतुल्ला रहीमी ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की। पश्चिमी हिस्से में गोर प्रांत में प्रांतीय परिषद के प्रमुख फ़ज़ल हक एहसन ने कहा कि तालिबान ने प्रांतीय राजधानी फ़िरोज़ कोह पर भी कब्जा कर लिया है।

अमेरिका भेजेगा 3000 सैनिक : ऐसे में जब सुरक्षा स्थिति तेजी से बिगड़ रही है अमेरिका ने काबुल में अमेरिकी दूतावास से कुछ कर्मियों को निकालने में मदद करने के लिए 3000 सैनिकों को भेजने की योजना बनाई है। वहीं ब्रिटेन ने कहा है कि देश छोड़ने वाले ब्रिटेन के नागरिकों की मदद करने के लिए लगभग 600 सैनिकों को अल्पकालिक आधार पर तैनात किया जाएगा। कनाडा भी अपने दूतावास को खाली करने में मदद करने के लिए विशेष बल भेज रहा है।

तालिबान द्वारा फिर से एक क्रूर, दमनकारी सरकार स्थापित करने के भय के बीच हजारों अफगान अपने घरों से भाग गए हैं। कतर में शांति वार्ता रुकी हुई है, हालांकि राजनयिक अभी भी मुलाकात कर रहे हैं। अमेरिका, यूरोपीय और एशियाई देशों ने चेतावनी दी है कि बलपूर्वक स्थापित किसी भी सरकार को खारिज किया जाएगा।
वार्ता के लिए अमेरिकी दूत जलमय खलीलजाद ने कहा कि हम शहरों के खिलाफ हमलों को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हैं और एक राजनीतिक समाधान का आग्रह करते हैं। तालिबान काबुल के दक्षिण में स्थित लोगार प्रांत में भी आगे बढ़ रहे हैं। उसने प्रांतीय राजधानी पुली-ए अलीम में पुलिस मुख्यालय और साथ ही पास की एक जेल पर कब्जा करने का दावा किया है। यह शहर काबुल से लगभग 80 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।

पश्चिमी गोर प्रांत में प्रांतीय परिषद के प्रमुख फ़ज़ल हक एहसन ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान प्रांतीय राजधानी फ़िरोज़ कोह में प्रवेश कर गया है और शहर के अंदर लड़ाई चल रही है। एक दिन पहले तालिबान ने काबुल के निकट सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एक और प्रांतीय राजधानी तथा देश के तीसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा कर लिया।

हेरात पर कब्जा तालिबान के लिए अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है। वहीं, गजनी पर तालिबान के कब्जे के साथ अफगानिस्तान की राजधानी को दक्षिणी प्रांतों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण राजमार्ग कट चुका है। कंधार में भी तालिबान ने सरकारी इमारतों और गवर्नर के कार्यालय पर अपना झंडा लगा दिया है।

हेलमंद सूबे पर कब्जा : अफगानिस्तान के जिस दक्षिणी सूबे हेलमंद को गत 20 साल में अधिकतर समय तालिबान से बचाने की ब्रिटिश सेना कोशिश करती रही, उसपर तालिबान ने कब्जा कर लिया है।

हेलमंद की राजधानी लश्करगाह पर तालिबान के कब्जे की शुक्रवार को हुई पुष्टि की गूंज ब्रिटेन में सुनाई दी क्योंकि अमेरिका और नाटो गठबंधन के साथ अफगानिस्तान में लड़ते हुए जिन 457 ब्रिटिश सैनिकों की मौत हुई थी। उनमें अधिकतर की जान हेलमंद प्रांत में ही गई थी। वर्ष 2006 से 2014 तक हेलमंद का कैम्प बैस्टन कॉम्प्लेक्स ब्रिटिश सैन्य अभियान का मुख्यालय रहा।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अप्रैल में अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान से बुलाने की घोषणा की थी। उनके निर्णय के बाद ब्रिटेन सहित नाटो गठबंधन के देशों ने भी अपने-अपने सैनिकों की वापसी की घोषणा कर दी।

ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में रक्षा मंत्री रहे और अफगानिस्तान में बतौर अपनी सेवा दे चुके जॉनी मर्सर ने कहा कि बाइडन ने ‘बड़ी गलती की है लेकिन ब्रिटेन को उनका अनुकरण नहीं करना चाहिए था और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल में नाटो के अन्य देशों के साथ सहयोग जुटाना चाहिए था।

गृहयुद्ध की तरफ अफगानिस्तान : ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वालेस ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान ‘गृहयुद्ध’ की तरफ बढ़ रहा है और क्षेत्र में हालात लगातार बिगड़ने के साथ आतंकवादी संगठन अल-कायदा संभवत: वापसी करेगा। वह अफगानिस्तान में बचे ब्रिटेन के बाकी सैनिकों की सुरक्षित वापसी के लिए करीब 600 अतिरिक्त सैनिकों को भेजने के सरकार के फैसले के बारे में ब्रिटेन के मीडिया संस्थानों को जानकारी दे रहे थे।
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