पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव का दिखने लगा असर
इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बढ़ते दबाव के तहत वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के (यूएनएससी) 1267 प्रतिबंधों को लागू करने पर मजबूर हुआ है।
आतंकवादी संगठनों पर कड़ी कारवाई और बड़े हमलों को अंजाम देने की उसकी योजनाओं पर कुठाराघात करने के वैश्विक दबाव के बीच पाकिस्तान ने यूएनएससी 1267 प्रतिबंधों को लागू करने के लिए शुक्रवार को दिशा-निर्देश जारी किए।
यूएनएससी 1267 प्रतिबंध पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित लोगों तथा संस्थाओं के खिलाफ है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि ये दिशा-निर्देश संयुक्त राष्ट्र द्वारा लक्षित किए गए लोगों और समूहों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने में मदद करेंगे।
विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने कहा कि पाकिस्तान को अपने कानूनी दायित्वों को पूरा करने के प्रति सजग रहना होगा जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंधों को लागू करना भी शामिल है और उम्मीद है कि ये दिशा-निर्देश सभी हितधारकों को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों के बेहतर निर्वहन में सहायक होगा।
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 14 फरवरी को आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों की शदाहत के बाद भारत ने पाकिस्तान की भूमि से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठनों पर हवाई कार्रवाई की थी।
इसके बाद पाकिस्तान ने बदले की कार्रवाई के तहत भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन करने का दुस्साहस किया। उसके एफ-16 लड़ाकू विमान को खदेड़ने के प्रयास में विंग कमांडर अभिनंदन पड़ोसी देश में जा पहुंचे थे।
भारत के प्रयासों के कारण आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव का नतीजा रहा कि पड़ोसी देश को 60 घंटे में विंग कमांडर को मुक्त करना पड़ा। आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए पाकिस्तान घोर वैश्विक दबाव का सामना कर रहा है। पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।