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पेरिस समझौते पर संयुक्त राष्ट्र ने की भारत की तारीफ

पेरिस समझौते पर संयुक्त राष्ट्र ने की भारत की तारीफ - Paris Agreement, United Nations, climate change,
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस समझौते का अनुमोदन करने के निर्णय को लेकर शीघ्र कार्रवाई करने के लिए भारत की सोमवार को प्रशंसा की और कहा कि वे नई दिल्ली की ओर से यह खबर दिए जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि महासचिव ने बड़ी संख्या में देशों द्वारा पेरिस समझौते के शीघ्र-अतिशीघ्र अनुमोदन संबंधी अपनी उम्मीदों को स्पष्ट किया है इसलिए भारत की शीघ्र कार्रवाई से उन्हें खुशी होगी। वे भारत की ओर से यह खबर दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को केरल में घोषणा की थी कि भारत पिछले साल पेरिस में हुए जलवायु समझौते का 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर अनुमोदन करेगा।
 
विश्व के 2 सबसे बड़े उत्सर्जक अमेरिका और चीन इस महीने की शुरुआत पेरिस समझौते से औपचारिक रूप से जुड़ गए। इस समझौते को पेरिस में पिछले साल दिसंबर में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के 195 पक्षों ने पारित किया था। इस समझौते में देशों से जलवायु परिवर्तन से निपटने एवं भविष्य में स्थायी रूप से कम कार्बन उत्सर्जन के लिए आवश्यक निवेश करने एवं कदमों को तेज करने की अपील की गई है।
 
पेरिस समझौते के लागू होने के लिए ऐसे कम से कम 55 देशों से इसके अनुमोदन की जरूरत है, जो ग्रीन हाउस गैस के कुल 55 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। इन देशों के अनुमोदन के 30 दिनों बाद यह लागू हो जाएगा। 
 
बान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस समझौते से 55 से अधिक देश औपचारिक रूप से जुड़ गए हैं। इसके मद्देनजर अहम पड़ाव पार हो गया है, जो ऐतिहासिक समझौते को लागू करने में मदद करेगा। इस समझौते का लक्ष्य दुनिया को कम कार्बन उत्सर्जन एवं अधिक स्थायी भविष्य के मार्ग पर ले जाना है।
 
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि मुझे भरोसा है कि मेरे कार्यालय छोड़ने से पहले पेरिस समझौता लागू हो जाएगा तथा यह बहुपक्षवाद के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। अमेरिका और चीन के साथ विश्व के शीर्ष ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जकों में शामिल भारत ने बार-बार यह कहा है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने का बोझ समृद्ध देशों द्वारा दशकों तक औद्योगिक विकास किए जाने के बाद गरीब देशों के कंधों पर नहीं डाला जा सकता।
 
भारत ने हर घर में विद्युत आपूर्ति मुहैया कराने की सरकार की योजना के तहत वर्ष 2022 तक अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को चौगुना करके 175 गीगावॉट करने की घोषणा की है। (भाषा)